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बिहार की राजनीति में आया भूचाल : जीतन राम मांझी की पार्टी हम महागठबंधन से हो गई अलग

जिस महागठबंधन में घटक दलों की नहीं सुनी जाती है, ऐसे लोग अगर बिहार की कुर्सी में आ जायेंगे तो आम आवाम की आवाज भी नहीं सुनेंगे


ओम प्रकाश शर्मा , भारतटीवी.न्यूज नेटवर्क। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक खेल शुरू हो चुका है। अब बड़े नेताओं के इस खेमे और उस खेमे में आते जाते दिखायी देंगे। गुरूवार 20 अगस्त आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तथा हम के वरिष्ठ नेता जीतन राम मांझी की पार्टी हम महागठबंधन से अलग हो गई । मांझी की पार्टी की कोर कमेटी ने यह फैसला गुरूवार आज सर्वसम्मति से अपने बैठक में लिया। पार्टी ने साफ कर दिया कि अब महागठबंधन का हिस्सा नहीं रहेंगे। आज हुई हम की कोर कमेटी बैठक में महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर लिया गया है हालांकि अभी तय नहीं हुआ है कि जीतनराम मांझी की पार्टी जेडीयू से हाथ मिलाएगी या नहीं लेकिन सूत्रों का कहना है कि जेडीयू और मांझी के बीच आपसी मित्रता की डील हो सकती है। पिछले दिनों ही श्याम रजक नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू छोड़कर आरजेडी में आए। इस दौरान श्याम रजक ने नीतीश सरकार को दलित विरोधी बताया था। जिसपर जीतनराम मंझी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी कहा था कि श्याम रजक मंत्रिमंडल में इतने दिनों तक लाभ लेकर अब चुनाव के वक्त नीतीश कुमार को दलित विरोधी कहना उचित नहीं। मांझी के इस बयान को ही उनके घर वापसी से जोड़ा जा रहा है। अब आगे आगे देखिये होता है क्या।

तारिख पर तारिख: लेकिन महागठबंधन की ओर से को-ओर्डिनेशन कमेटी नही बनायी गई

महागठबंधन छोड़े जाने पर हम प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान का बयान

WWW.BHARATTV.NEWS: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की कोर ग्रुप की बैठक में निर्णय लिया गया कि किसी भी कीमत पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा अब महागठबंधन का हिस्सा नहीं रहेगी। कोर ग्रुप के साथियों ने कहा की लागातर तारिख पर तारिख दी गई लेकिन हमारे लगातार अनुरोध पर भी महागठबंधन की ओर से को-ओर्डिनेशन कमेटी नही बनायी गई। इससे पता चलता है की जिस गठबंधन में घटक दलों की नहीं सुनी जाती है तो ऐसे लोग अगर बिहार की कुर्सी में आ जायेंगे तो आम आवाम की आवाज भी नहीं सुनेगें। इसलिये आज के बाद हम महागठबंधन का हिस्सा नहीं रहेंगे और अलग होकर चुनाव लड़ेंगे। जो लोग गठबंधन के नेताओं की बात नहीं सुनते वह सत्ता के आने के बाद जनता की भी नहीं सुनेंगें .दानिश ने कहा कि गठबंधन में रहने की हर कोशिश की पर राजद के कारण गठबंधन में रहना मुश्किल था। दानिश ने कहा कि कहाँ जाएँगें या क्या होगा इसका फैसला माँझी जी पर छोड़ा गया।

शुशांत सिंह राजपूत के बारे में कहा गया कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार तथा बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे का प्रयास सराहनीय

शुशांत सिंह राजपूत के बारे में कहा गया कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार तथा बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे का प्रयास सराहनीय है। हर हाल में शुशांत सिंह को न्याय मिलना चाहिए और जो इसका विरोध कर रहे हैं यह बिहार के अस्मिता पर सवालिया निशान है। जेडीयू में विलय की दूर दूर तक किसी भी प्रकार की संभावनाओं से हम प्रवक्ता दानिश ने इंकार किया। कोर कमेटी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव डॉ संतोष कुमार सुमन, पूर्व मंत्री डॉ अनिल कुमार, रामेश्वर प्रसाद यादव, मार्कंडेय प्रसाद, बीएल बैश्यन्त्री, धीरेंद्र कुमार मुन्ना, डॉ दानिश रिजवान, श्रीमती ज्योति सिंह, इंजीनियर देवेंद्र कुमार मांझी, पूर्व विधायिका श्रीमती ज्योति देवी, रितेश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा, नंदलाल कुमार, शंकर मांझी, दिलीप यादव, श्रीमती शमा अली खान, मो इकराम खान, ध्रुव लाल मांझी, सुनील चौबे, महेंद्र मांझी, शिबतुल्लाह उर्फ टुटुखां, प्रफुल्ल कुमार मांझी, मुकेश कुमार मांझी, रंजीत कुमार उर्फ रंजीत चंद्रवंशी, रत्नेश पटेल, चंदन ऋषि देव, श्रीमती पूनम पासवान, विजय यादव, असद परवेज उर्फ कमांडर जी, राजेश्वर मांझी, श्रीमती साधना देवी आदि सदस्य आज की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल थे ।