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बालक के इलाज के लिए प्रतिमाह 4000 रुपये देने की करेगी अनुसंशा

सीडब्ल्यूसी ने थैलेसीमिया ग्रसित बालक के मदद को हाथ बढ़ाया

BHARATTV.NEWS,दुमका। बाल कल्याण समिति ने थैलेसीमिया नामक बीमारी से ग्रसित बालक के मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। समिति के पहल पर शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता एहतेशाम अहमद ने रामगढ़ प्रखण्ड के ढाई वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित पहाड़िया बालक को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने बालक के माता एवं पिता का बयान दर्ज किया और बालक को ‘लाईलाज बीमारी से ग्रसित’ के श्रेणी में दर्ज करते हुए इस मामले की संनवायी की। बालक के पिता ने समिति को दिये बयान में बताया कि उन्हें एक चार साल की बेटी और ढाई साल का बेटा है। बेटा जब ढाई माह का था तब वह बीमार पड़ गया। दुमका में उसका इलाज के दौरान शरीर में रक्त की कमी पायी गयी। उसे रक्त चढ़ाया गया और कोलकाता से उसका जांच करवाया गया तो पता चला कि वह थैलेसीमिया से ग्रसित है। इसके बाद से बालक को 15 दिन से 30 दिनों के अंतराल पर रक्त चढ़ाना पड़ता है क्योंकि इस रोग में मरीज के शरीर में नया रक्त बनता ही नहीं है। समय-समय पर वह खुद बेटे के लिए रक्तदान करता है और कई बार स्वैच्छिक रक्तदान के तहत बेटे को रक्त उपलब्ध करवाया जाता है। वह खेती-बाड़ी और मजदूरी करता है। उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए वह चाहता है कि उसके बेटे को समाज कल्याण विभाग के स्पान्सरशिप स्कीम से जोड़कर उसका लाभ दिया जाये ताकि बालक की समुचित चिकित्सा हो सके। समिति ने बालक के पिता को 75000 रुपये से कम का वार्षिक आय प्रमाण पत्र, स्थनीय निवासी प्रमाण पत्र और माता, पिता व बालक का आधार कार्ड समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है ताकि बालक को स्पान्सरशिप स्कीम से जोड़ने की अनुसंशा की जा सके। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि अर्हताओं को पूरा करने पर सीडब्ल्यूसी स्पान्सरशिप स्कीम के तहत बालक/बालिका को स्वास्थ्य/पोषण/शिक्षा के लिए तीन वर्ष तक या 18 वर्ष की आयु पूरी होने तक 4000/-रुपये मासिक देने की अनुसंशा करती है जिसके आधार पर जिला स्तरीय कमिटि के द्वारा बालक को उसके अकाउंट में यह यह राशि प्रदान की जाती है।