मेसेजिंग सर्विस वॉट्सऐप का इस्तेमाल दुनिया भर में करोड़ों यूजर्स करते हैं लेकिन इससे जुड़े फ्रॉड भी आए दिन सामने आते रहते हैं और हाल ही में किए गए एक फ्रॉड को रोकने के लिए पुलिस को ऐक्शन लेना पड़ा। पुलिस ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले से एक सिम रिटेलर को गिरफ्तार किया जिसने ओटीपी बेचकर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बनाने में लोगों की मदद की।
पॉप्युलर मेसेंजिंग प्लैटफॉर्म वॉट्सऐप से जुड़े फ्रॉड आए दिन सामने आते हैं। ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया उत्तर प्रदेश में जहां सिम कार्ड रिटेलर वॉट्सऐप OTP बेच रहा था। इस तरह एयरटेल, वोडाफोन और रिलायंस जियो नंबरों पर आने वाले ओटीपी बायर्स को देकर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बनाए जा रहे थे। हाल ही में इंटेलिजेंस एजेंसियों को पता चला था कि ढेरों भारतीय फोन नंबरों का इस्तेमाल वॉट्सऐप पर पाकिस्तान के यूजर्स और आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले लोग कर रहे हैं।
ऑफिशल सूत्रों से मिली जानकारी में कहा गया है कि मिलिट्री इंटेलिजेंस यडप्द्ध के बाद उत्तर प्रदेश में अयोध्या जिले के फैजाबाद कंटोनमेंट पुलिस स्टेशन ने ऐक्शन लिया। पुलिस ने रिलायंस जियो सिम कार्ड रिटेलर को यह बड़ा फ्रॉड करने के लिए अरेस्ट किया और उसके पास से एयरटेल, वोडाफोन और रिलायंस जियो के ढेर सारे सिम कार्ड भी मिले हैं। मिलिट्री इंटेलिजेंस को कई संदिग्ध वॉट्सऐप मेसेज पूर्वी यूपी के मोबाइल नंबरों से मिले थेए जिनमें कई आर्मी से जुड़े लोगों के बारे में भी जानकारी दी गई थी।
ऐसे ऐक्टिव किए फर्जी सिम
जांच के दौरान एक मोबाइल हैंडसेट यलावा डिवाइसद्ध का डिजिटल सिग्नेचर सामने आया और पता चला कि उसकी मदद से कई संदिग्ध मोबाइल नंबर इस्तेमाल किए गए थे। जांच के बाद फैजाबाद में ग्राउंड वेरिफिकेशन किया गया और आखिरकार पुलिस ने सिम कार्ड रिटेलर को अरेस्ट कर लिया। यहां से पता चला कि रिटेलर के पास अवैध तरीके से 350 से ज्यादा सिम कार्ड मौजूद थे और इनके लिए उसने मौजूदा कस्टमर्स के आधार डेटा का इस्तेमाल किया था। पता चला कि रिटेलर ने कस्टमर्स से एक्स्ट्रा थंब इंप्रेशंस ले लिए थे और सिम उनके नाम पर थे।
पांच महीने तक बेचे ओटीपी
आरोपी रिटेलर ने बताया कि इन सिम कार्ड्स की मदद से उसने भुवनेश्वर के एक बिजनसमैन की मदद भी की थी और ओटीपी भेजकर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट्स बनाए जा रहे थे। रिटेलर ने सिम की जगह इनकी मदद से फोन पर आने वाले ओटीपी बल्क में बेचे थे और करीब पांच महीने तक ऐसा करता रहा था। जांच में पता चला कि भुवनेश्वर का बिजनसमैन एक सॉफ्टेयर की मदद से फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट्स बना रहा था और अपने क्लाइंट्स को ऐडवर्टाइजमेंट भेज रहा था। ऐसे अकाउंट्स का इस्तेमाल जासूसी के लिए भी किया जा रहा था।













