BHARATTV.NEWS, दुमका/नगर संवाददाता। लगाार प्रयास के बाद आखिरकार बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने जिला के गोपीकांदर थाना क्षेत्र में भटकती हुई मिली उस 17 वर्षीय किशोरी के परिवार के बारे में जानकारी हासिल कर ली है जो ठीक से घर के बारे में नहीं बता पा रही थी। यह किशोरी पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिले की रहनेवाली है। गोपीकांदर पुलिस ने 26 जुलाई को उसे बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार के समक्ष प्रस्तुत किया था। तब से वह सीडब्ल्यूसी के देखरेख और संरक्षण में है। यह किशोरी गोपीकांदर के खरौनी बाजार में भटकती हुई पायी गयी जिसे चौकीदार पंचानंद दास ने थाना पहुंचाया था। अपने बयान में किशोरी ने अपने पिता का जो नाम और घर का पता बताया था, वह सह नहीं था। काफी पूछताछ एवं काउनसेलिंग के बाद भी जब किशोरी के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली थी तो सीडब्ल्यूसी ने उसके सर्वाेत्तम हित में उसका फोटो भी जारी किया, बावजूद इसके उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी। अंततः समिति ने किशोरी का आधार कार्ड बनवाने का आदेश दिया ताकि उसका आधार यदि पहले से बना हुआ हो तो उसके परिवार के बारे में जानकारी मिल जाये। दो बार आवेदन रिजेक्ट होने पर उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला के निर्देश पर एनआईसी के डीआईसी (यूआईडी) राकेश रंजन ने किशोरी के आधार आवेदन के रिजेक्सन के आधार पर पोर्टल से उसका आधार कार्ड निकाला। उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने किशोरी को आधार कार्ड की कॉप सौंपी और घर तक पहुंचाने में हर तरह के मदद का आश्वासन दिया। बाकिा गृह के प्रभारी के द्वारा गुरूवार को किशोरी को आधार कार्ड के साथ समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। किशोरी के आधार कार्ड में मिले जानकारी के आधार पर समिति ने पुरूलिया सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन को इस किशोरी के पिछले चार माह से दुमका के बालिका गृह में आवासित होने की जानकारी देते हुए उसे वापस घर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। समिति ने पुरूलिया के डीसीपीयू से किशोरी का एसआईआर मंगवाया है। उसके परिवार और घर का सत्यापन होने के बाद उसके मामले को पुरूलिया सीडब्ल्यूसी ट्रांसफर कर दिया जायेगा। इस मामले की सुनवायी में चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय एवं नूतन बाला शामिल हुएं।













