BHARATTV.NEWS; CHITRA: आसुरी प्रवृत्ति वाले लोगों का अंतिम समय आने के पूर्व उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। पीड़ित प्राणियों रक्षा के लिए ईश्वर ठोस कदम उठाते हैं। कालिया नाग दमन करके कृष्ण ने यही किया। वृंदावन की रास लीला मंडली ने गुरुवार की रात कालिया नाग दमन का मंचन करने के दौरान उपस्थित श्रोताओं और दर्शकों को संदेश दिया कि ईश्वर सभी प्राणियों की रक्षा करते हैं।

समस्तीपुर के शंभू शरण झा ने कार्यक्रम के अगले चरण में हिंदी भजन प्रस्तुत कर सबों का मन मोह लिया। इसके बाद बनारस के महेंद्र शास्त्री ने संगीतमय प्रवचन प्रस्तुत किया। कहते हैं कि जब विपत्ति आने वाली होती है तो मति मारी जाती है। यही कारण है कि बड़े-बड़े बलशाली व आसुरी प्रवृत्ति वाले लोग विपत्ति के चक्रव्यूह में फंस कर मारे जाते हैं। अगर बुद्धि काम करती तो वे उस चक्रव्यूह को तोड़ कर बाहर निकल सकते थे। परंतु बुद्धि काम नहीं करती है। ऐसा ही पूतना के साथ हुआ। कंस के कहने पर पूतना श्री कृष्ण का वध करने वह अपने स्तन में जहर लगाकर जाती है। लेकिन जमुना पार करते समय उसने सोचा कि जहर निष्प्रभावी हो गया होगा। उसे चख कर देख लूं। इस तरह जिस जहर से वह श्री कृष्ण की हत्या करना चाहती थी। उससे खुद उसी की हत्या हो जाती है। अन्य दैत्यों के साथ यही होता है। श्री कृष्ण खेल खेल में जमुना नदी में छलांग लगाते हैं। काली दह में रहने वाला कालिया नाग जमुना का पानी अपने विष से प्रदूषित करता है। कृष्ण उसका दमन कर प्राणियों को रक्षा करते हैं। तात्पर्य है कि ईश्वर दुष्टों से आम लोगों की रक्षा करते हैं।
कार्यक्रम के अगले चरण में शंभू शरण ने मां शारदे वंदना सुन ले हमारी, तेरे दरपे आज आया बन के भिखारी। गज वदन गिरिजा नंदन सुन ले मेरी पुकार, श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में समेत अन्य भजन की प्रस्तुति दी।














