दुमका: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से दुमका एयरपोर्ट पर मुलाकात कर पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना के प्रतिनिधिमंडल ने जातिगत जनगणना कराने से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय अध्यक्ष असीम कुमार मंडल, केंद्रीय प्रधानमहासचिव डॉ. अमरेन्द्र कुमार यादव, कोषाध्यक्ष अजित कुमार मांझी, बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष शिव नारायण दर्वे, बिहारी यादव, जयकांत जायसवाल, प्रमोद पंडित और संतोष मंडल शामिल थे।
ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड गठन के बाद से ही दुमका सहित 7 जिलों (लातेहार, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम) में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य कर दिया गया है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि झारखंड सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने के निर्णय का मोर्चा ने स्वागत किया है।
पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना की 8 सूत्री मांगें:
- जातिगत जनगणना कराकर अविलंब पिछड़ों को उनकी आबादी के अनुरूप आरक्षण दिया जाए।
- पिछड़ा वर्ग आयोग के अनुशंसा के आलोक में तत्काल दुमका सहित झारखंड राज्य में पिछड़ा वर्ग को 36% आरक्षण दिया जाए।
- स्वास्थ्य विभाग की झारखंड क्षेत्रीय कार्यकर्ता प्रतियोगिता परीक्षा में बीसी 2 को 6% की बजाय 1.5% आरक्षण दिया गया है, जो गलत है। इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाए।
- प्रतियोगिता परीक्षाओं में छात्रों को दूरस्थ परीक्षा केंद्र देने की प्रथा में सुधार कर उन्हें गृह जिला के निकट परीक्षा केंद्र दिए जाएं।
- ट्रिपल टेस्ट कराकर नगर निकाय चुनाव शीघ्र कराए जाएं।
- दुमका जिले में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास की व्यवस्था की जाए।
- पंचायत को इकाई मानकर अनुसूचित क्षेत्रों का निर्धारण करते हुए सभी आरक्षित पदों का सुनिश्चित आरक्षण किया जाए, ताकि पिछड़ी जातियों को भी मुखिया, प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष बनने का मौका मिले।
- प्रत्येक पंचायत में हाई स्कूल और प्रखंडों में डिग्री कॉलेज का निर्माण कराया जाए।














