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निजी स्वार्थ साधने के कारण श्रमिक यूनियनों का प्रभाव हुआ कम

सिर्फ आरएमयू निभा रही है श्रमिक हित की जिम्मेवारी।

BHARATTV.NEWS: मिहिजाम। निजी स्वार्थ साधने के कारण श्रमिक यूनियनें कमजोर हुई है। जिसकी बात आज प्रशासन या सरकार मानने के लिए बाध्य नही हो रही है। लेकिन एक वो भी दौर था जब श्रमिक और देशहित में यूनियने काम करती थी और उनकी मांगों के आगे सरकार और प्रशासन को झुकना पड़ता था।
चित्तरंजन, एसपी ईस्ट मार्केट कार्यालय में रेलवे मेन्स यूनियन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। आल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन से सम्बद्ध आरएमयू के महासचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि इन सब के बावजूद आरएमयू श्रमिको की मांगे मनवाने में सफल रहा है यही कारण है कि देश के आधे से ज्यादा हिस्से में हर तबके के लिए एआईआरएफ पर विस्वास हुआ है और परचम लहरा रहा है।
सवालों के जवाब में उपस्थित आरएमयू नेता सोमनाथ राय, सुनील कुमार ने कहा कि आज भी हम लोको टारगेट फुलफिल करने में अमेरिका जैसे देशों पर निर्भर है। लेकिन टारगेट पूरी करना अपनी जगह अलग बात है और सरकार की नीतियों का विरोध करना अलग बात है। हमारी मांगे जारी रहेगी।
बैक डोर से चिरेका में नियुक्तियों के सवाल पर नेताओ ने कहा कि सबूत दे हम लड़ाई लड़ेंगे।
चिरेका में अप्रेंटिसों कई नियुक्ति और नई बहाली के सवाल पर कहा कि जल्द ही हमारी यूनियन उक्त समस्या के समाधान में सफल होगी।
नेताओं ने कहा कि हाल ही यूनियन के टेक्निकल सुपरवाइजर कॉन्फ्रेंस के दौरान 15 सूत्री मांगों से सम्बंधित एक ज्ञापन चिरेका महाप्रबंधक को सौंपा गया है।
प्रमुख मांगो में नई पेन्सन स्किम को रद्द करने, ऑफलोडिंग, आउटसोर्सिंग बंद करने, रिक्त पदों को भरने आदि की मांग की गई है।
इस अवसर पर राजेश बेनीवाल(अध्यक्ष), एस एन सिंह (महामंत्री), सुरेन्द्र कुमार शर्मा(कार्यकारी अध्यक्ष), सुनील कुमार (कोषाध्यक्ष), सोमनाथ राय, अनुपलाल महतो, रंजीत कुमार, अनुरंजन सिन्हा, विकास कुमार, मंजीत कुमार, बीपी चौहान(सभी सदस्य) आदि उपस्थित हुए ।