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द्वारकेश्वर नदी तट पर केन्जकुरा गांव में 18 से लगेगा 4 दिवसीय मुढ़ी मेला

BHARATTV.NEWS: चित्तरंजन। बांकुडा जिले के केंजाकुरा गाँव में, चौथा माघ का अर्थ है मुरी उत्सव का दिन। इस मेले में केंजाकुरा गांव के अलावा विभिन्न जिलों से लोग आते है और सुबह से ही इस मेले में शामिल होते है। केंजाकुरा को मुरी मेला के नाम से जाना जाता है। मेला पहली माघ को द्वारकेश्वर नदी के तट पर संजीवनी आश्रम में हरिनाम के जाप के साथ शुरू होता है और चौथे माघ यानी सरस्वती पूजा से एक दिन पूर्व समाप्त होता है। यहां चार दिन का मेला लगता है, लेकिन ज़्यादा भीड़ अंतिम दिन होती है। सुबह के बाद से, केंजाकुरा गाँव के अलावा सभी गाँवों के लोग नदी तट पर मुढ़ी, चॉप, सिंघाड़ा, हरि मिर्च, नारियल लड्डू, खीरा, मूली, प्याज, टमाटर, जलेबी, बेगनी, चनाचूर आदि लेकर शैलानियों को बेचने के इरादे से आते है। सुबह मुढ़ी खाकर नदी के तट पर मेला देखकर विश्राम करते हैं, अपनों के साथ समय बिताते हैं। दोपहर के समय मेले में उपस्थित सभी लोगों के लिए खिचड़ी का प्रबंध किया जाता है। कई लोग रात भर प्रसाद बनाने के लिए लगे रहते है। ताकि सभी को प्रसाद मिल सके। दोपहर तक खिचड़ी खिलाई जाती है। अगर आप भी इस मेले की खुशी का अनुभव करना चाहते हैं तो 18 जनवरी मंगलवार सुबह केंजकुरा गांव में पहुँच जाएं। सड़क छतना से 7 किमी दूर। बांकुडा बस स्टैंड से 15 किमी दूर। आपको छतना और बांकुरा से ट्रेकर, टोटो, बस मिल जाएगी।