संथाल परगना को ठंडे बस्ते में डालकर छोड़ दिया है

BHARATTV.NEWS, JAMTARA: जामताड़ा और निरसा के बीच लगभग 14 वर्षों से लंबित बारबेन्दिया बराकर नदी पर स्थित अधूरे पुल को को रिजक्ट कर नया पुल बनाने की मांग बारबेन्दिया पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं सचिव ने किया है । अध्यक्ष एवं सचिव ने नया पुल निर्माण को लेकर जामताड़ा उपायुक्त के माध्यम से झारखंड के राज्यपाल , मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है । समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार महतो ने बताया कि वर्ष 2007 में पुल निर्माण कार्य शुरू हुआ था जिसमें कुल 58 पिलर खड़ा करना था आधा से अधिक पुल का निर्माण हो चुका था लेकिन बरसात की तेज धार में पांच पिलर जमीनदोज हो गया था । पुल निर्माण अभी तक लंबित है । सरकार सिर्फ जांच के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है ।

संथाल परगना को जीटी रोड नेशनल हाईवे से जोड़ने वाला बारबेन्दिया नदी घाट विकास के धूल फांक रहा है । विकास के सपने झूठे साबित हो रहे हैं । झारखंड में 21 साल गुजरने के बाद भी न तो यूपीए महागठबंधन की सरकार ने और न एनडीए की सरकार ने फुल निर्माण कराया । संथाल परगना को ठंडे बस्ते में डालकर छोड़ दिया है ।बारबेन्दिया पुल निर्माण संघर्ष समिति पुल निर्माण को लेकर हमेशा प्रयत्नशील रही है मगर सरकार की अनदेखी के कारण ग्रामीणों के आवागमन का कोई हल अभी तक नहीं निकल पाया है । पुल नहीं रहने के कारण रोजाना सैकड़ों लोग नाव पर अपनी जान को दांव पर लगाते हुए नदी पार करते हैं । कई बार नाव से पार करते समय दुर्घटना घटी है । नदी घाट किनारे बसने वाले वीरग्राम , श्यामपुर , दुलाडीह, पंजनिया , मेजिया , बेलडीह, चालना , नितायडीह, गोखलाडीह, नीलदाहा, लाधना, सोनबाद, धोबना, फूलजोरी , चन्द्रढीपा , केलाही, चैंगायडीह आदि दर्जनों गांव के छात्र और छात्राओं , मजदूर , नौकरी पैसा , सब्जी विक्रेता , राजमिस्त्री आदि को निरसा , आसनसोल , धनबाद पढ़ने एवं जीवन यापन हेतु रोजगार के लिए जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ।

समिति के सचिव मोहम्मद रफीक अंसारी ने बताया कि नदी घाट पर पुल निर्माण को लेकर कई बार समिति ने नदी घाट , जामताड़ा अनुमंडल कार्यालय एवं जामताड़ा समाहरणालय के समक्ष धरना भी दिए हैं लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है । समिति पुनः पुल निर्माण को लेकर संवैधानिक तरीके को अपनाकर कोविड-19 का अनुपालन एवं सामाजिक दूरी का पालन करते हुए धरना देगी ।
झारखंड सरकार के मुखिया श्री हेमंत सोरेन संथाल परगना के ही विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं । यही संथाल परगना है जो झारखंड का सबसे पिछड़ा जिला है । पुल निर्माण को लेकर क्षेत्र में ग्रामीणों के बीच बात रखी जा रही है एवं धरना कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की जा रही है। धरना कार्यक्रम की तिथि बाद में निर्धारित की जाएगी














