BHARAT TV. न्यूज़: जल , जंगल ज़मीन सब गहराई से सोचा जाय तो लुटे जा रहे हैं। धीरे धीरे ज़मीन गरीबों के हाथ से निकलती जा रही है। किसानी खेत में मकान बन रहे हैं। गरीब किसानों के पास ज़मीन हाथ से निकलते जा रहे हैं। । दूसरे के खेत में काम करने के लिए किसान मजबूर है। सरकारों से खेती के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं मिलते । आजादी के आठ दशक बाद भी किसानों का हाल धरातल पर बेहाल है।
जल,जंगल ज़मीन गहराई से सोचा जाय तो लुटे जा रहे हैं













