BHARATTV.NEWS;CHITRA:देवघर जिले के पालोजोरी प्रखंड अंतर्गत कोयलांचल के जमुआ पंचायत में जरूरतमंद वृद्धों व विधवाओं को पेंशन योजना का लाभ नहीं मिला। इससे उनमें असंतोष व्याप्त है। वर्तमान त्रिस्तरीय चुनाव में पूर्व के पंचायत प्रतिनिधियों को सबक सिखाने का मूड बनाए बैठे हैं। आइए जानते हैं इस संबंध में लोगों के विचार:

मेरे पति के इस दुनिया से गुजरे हुए कई वर्ष बीत गए। पेंशन के लिए पंचायत मुख्यालय का चक्कर लगाती रही। कागजात वगैरह जमा किए। लेकिन पेंशन की स्वीकृति नहीं मिली। थक हार कर बैठ गई हूं।
परिबला देव्या (65), जमुआ गांव वासी
2 मेरे पति कानन चंद्र पाल के निधन होने में 17 वर्ष बीत गए। मेरी उम्र 70 वर्ष पार करने लगी है। पेंशन के लिए कागजात जमा कराती रही। उम्मीद थी कि पेंशन का लाभ मिलेगा। केवल आश्वासन ही मिलता रहा है।

गायत्री देव्या(71), जमुआ गांव निवासी
3 मेरी आयु 60 वर्ष पार करने लगी है। अनुसूचित जनजाति वर्ग में आता हूं। गरीबी में जीवन गुजर रहे हैं। पेंशन के लिए आवेदन किया लेकिन वह नसीब नहीं हुआ।

दलाल मुर्मू (60) जमुआ गांव वासी।
4 मैं और मेरा परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर कर रहा है। अनुसूचित जाति श्रेणी में आता हूं। पेंशन योजना का लाभ दिलाने में मुझे प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी। लेकिन कोई प्राथमिकता नहीं दी गई। बिना सरकारी लाभ लिए जी रहा हूं।

कटी दास (65) जमुआ गांव वासी
5 मेहनत मजदूरी करके जीवन बसर कर रहा हूं। उम्र के इस पड़ाव में मुझे सरकारी सहायता के रूप में पेंशन की जरूरत थी। कागजात प्रस्तुत किया। परंतु पेंशन नहीं मिली। मेरी पत्नी ममता देवी पक्षाघात का शिकार है उसे भी कोई पेंशन नहीं मिली है।

बीरबल राय(65), जमुआ गांव वासी
मैं अनुसूचित जनजाति वर्ग से हूं। मुझे उम्मीद थी कि आरक्षण का लाभ मिलेगा। पेंशन की स्वीकृति में प्राथमिकता मिलेगी। परंतु कुछ भी ध्यान नहीं दिया गया।
भातन हांसदा(65) जमुआ गांव वासी।















