1967 के बाज पहली पर लाइन आफ एक्च्युअल कंट्रोल पर हमारे सेना के 1 अफसर एवं दो जवान शहीद हो गये।

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सोमवार रात को तनाव अंतिम चरण पर पहुंच गया और हमारे सेना के तीन जवान लद्दाख स्थित गलवान घाटी के पास झड़प में षहीद हो गये। पहले तो यह समझा गया कि चीन ने गोलीबारी की लेकिन बाद में फिर खबर आयी कि चीन के तरफ से पत्थरबाजी हुई। मामला चाहे जो भी हो हमारे सेना के तीन जवान हमने खो दिये। यह साफ है कि अगर चीन के तरफ से पहले गोली चलेगी तो भारतीय सेना के पास पूरा अधिकार है कि वह रिटालिएट करे। वहीं खबर आ रही है कि चीन के जवानों को भी नुकसान हुआ है। चीन के भी लगभग ३ से ४ की संख्या में सैनिक मारे गए है। यह घटना उस वक्त हुई जब दोनों ही देश के सेना शांति वार्ता की ओर बढ़त ले रही थी। हाल ही में चीन के सेना पीछे भी हटी थी। यह पूरी दुनिया जानती है कि भारत पहले कभी हमला नहीं करता लेकिन जब कोई हमला करता है तो भारत उसे मुंहतोड़़ जबाज देता है। भारतटीवीडाॅट न्यूज हमले में शहीद सैनिकों को अपनी श्रद्धांजिल अर्पित करती है। फिलहाल सेना के प्रेस कांफ्रेस का इंतजार करना होगा। घटना के बाद रक्षा मंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की जिसमें सीडीएस प्रमुख विपिन रावत भी शामिल हैं। किसी भी एक्शन के लिए केंद्र सरकार की हां की जरूरी नहीं है। राजनाथ सिंह ने मामले की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को दी है।

चीन की यथास्थिति को बदलता देख भारत ने भी अपनी ताकत को बढ़ाया है क्योंकि माना यह जा रहा है कि जब तक ताकत नहीं बढ़ाई जाएगी तब तक चीन वार्ता के लिए तैयार नहीं होगा। सेना सूत्रों की मानें तो भारत को आक्रामकता दिखाने की जरूरत नहीं है बल्कि शक्ति प्रदर्शन की जरूरत है। ऐसे में सेना को निर्देश दे दिए गए हैं कि वह स्थितियों के मुताबिक आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग करे। सेना को तैनाती के लिए आपातकालीन ताकत दे दी गई है। अब नई स्थिति के मुताबिक बिना दिल्ली की तरफ देखें हम फैसला ले सकते हैं।













