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कड़े नियमों के बाद भी चित्तरंजन में आवारा मवेशियों का विचरण, प्रदूषणमुक्त शहर में गंदगी औऱ दुर्घटना का खतरा

भारत टीवीडॉट न्यूज़।चित्तरंजन।पंकज। चित्तरंजन शहर में भी मवेशी रखने के नियम बनाए गए हैं। लेकिन नियमों की लगातार अनदेखी को लेकर विभाग कार्रवाई करने में सुस्ती बरत रहा है। प्रदूषण मुक्त स्वच्छ शहर के इससे गंदगी बढ़ रही है औऱ आये दिन लोगों को दुर्घटना का भी शिकार होना पड़ता है। इससे समस्या बढ़ती जा रही है और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चित्तरंजन रेलवे प्राधिकरण ने शहर में मवेशियों को रोकने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक रेल कर्मचारी उचित स्वीकृति के साथ एक गाय और एक बछड़े को एक साथ रख सकता है। इसके लिए चित्तरंजन रेलवे प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग से मंजूरी जरूरी है। यदि स्वीकृत हो तो गायों और बछड़ों के गले में टोकन बांधना अनिवार्य है। शहर के मैदानों में केवल टोकन बंधी गाय ही चर सकती हैं। वह गाय किसी भी सूरत में सड़क पर नहीं आनी चाहिए। और रेलवे की संपत्ति या सार्वजनिक उद्यान को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो संबंधित रेल कर्मचारी को मुआवजा के साथ सजा भी भुगतनी पड़ सकती हैं। सड़क पर कहीं भी गोबर नहीं दिखना चाहिए। गोबर को जमीन में गड्ढा खोदकर एक निश्चित स्थान पर गाड़ देना होगा। स्वास्थ्य निरीक्षक घर-घर जाकर स्थिति पर नजर रखेंगे और देखेंगे कि जिन लोगों को गाय रखने के लिए टोकन दिए गए हैं, वे सभी नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। यदि निर्धारित नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो रेलवे अधिकारी डीएआर नियम के अनुसार रेल कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे। सभी संबंधित विभागों को उप महाप्रबंधक के निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने और शहर में मवेशी-भैंसों की घुसपैठ न हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इन नियमों के बाद भी सवाल यह है कि क्या यह देखने के लिए कोई पहल हो रही है कि क्या इस नियम का बिल्कुल पालन हो रहा है। चित्तरंजन रेलवे शहर मवेशियों से भरा पड़ा है। लगभग हर इलाके में अवैध रूप से खटाल संचालित किए जा रहे है। भैंसों का झुंड दिन-रात बेफिक्र घूम रहा है। इन्हें रखने की जगह नहीं है। सड़क पर भैंसों के शिकार होने से आरपीएफ और यहां तक ​​कि पुलिस सहित रेलकर्मी घायल हुए है। भैंसों का झुंड जीएम कार्यालय परिसर में भी घूमता रहता है। यह स्थिति आए दिन बनी रहती है। लेकिन अब तक इनके विरुद्ध कोई कड़ी कार्रवाई नही हुई। FILE PHOTO