चित्तरंजन: दो दिन पहले आसनसोल में बर्खास्त ईसीएल कर्मी परेश मांझी उर्फ मरांडी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। पुलिस ने 48 घंटे के अंदर हत्या की गुत्थी सुलझा लेने का दावा किया है।आसनसोल दुर्गापुर पुलिस के डीसीपी (पश्चिम) अभिषेक मोदी ने कहा कि गोलीबारी में मुख्य साजिशकर्ता परेश मांझी की पत्नी मंगली मरांडी थी। पुलिस को पता चला कि मंगली ने अपने तीन परिचितों की मदद से घटना से 14 दिन पहले अपने पति को मारने की योजना बनाई थी। बिहार के मुंगेर निवासी कुख्यात शार्प शूटर हिमांशु पासवान को परेश को मारने की सुपारी दी गयी थी। हत्या के लिए मांगली ने 2.50 लाख रुपये दिए थे। कुलटी थाने के दिसरगढ़ चौकी पर पुलिस द्वारा हिमांशु को नहीं पकड़ा जा सका। हालांकि पुलिस ने मांगली मरांडी, उसके तीन साथियों विक्की नुनिया, संदीप नुनिया और विशाल पासवान को गिरफ्तार कर लिया है। ये सभी कुलटी थाने के शीतलपुर के तुलसीडीह के रहने वाले हैं।
आरोपियों के पास से एक पिस्टल, एक मैगजीन, चार गोलियों के खोखा, हत्या में प्रयुक्त एक मोटरसाइकिल और एक स्कूटर बरामद किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपियों को 14 दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस ने संदिग्धों के खिलाफ हत्या के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और आर्म्स एक्ट (36/22) के तहत 25/26 के तहत मामला दर्ज किया है।
घटना की जांच के बाद पुलिस को पता चला कि हत्या में परेश का बहुत करीबी कोई शामिल था। 50 वर्षीय परेश शीतलपुर में ईसीएल के गेस्ट हाउस में माली का काम करता था। लेकिन तीन साल पहले, ईसीएल अधिकारियों ने उन्हें ठीक से काम नहीं करने के लिए बर्खास्त कर दिया था। उनकी एक पत्नी और एक बेटा और दो बेटियां हैं। वह तुलसीडीह गांव में अपने दादा के घर में रहता था। कुछ पेड़ गांव के अंत में एक जमीन पर लगाए गए थे। एक झोपड़ी थी। वह सुबह से उसी झोंपड़ी में रहता था। वहां बुधवार सुबह करीब नौ बजे परेश की हत्या कर दी गई।
डीसीपी (पश्चिम) ने कहा कि ईसीएल कर्मी परेश मंडी की हत्या के सिलसिले में मृतक की पत्नी सहित कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता मंगली मरांडी है। उनके साथ विक्की नूनिया और संदीप नुनिया भी थे। तीनों ने हत्या की योजना 5 जनवरी को बनाई गई थी। हिमांशु घटना से चार दिन पहले 15 जनवरी को ट्रेन से शीतलपुर पहुंचा था। संदीप ने उसे रिसीव किया और घर ले गया। फिर दो दिनों के लिए वे पूरे क्षेत्र को “रेकी” कर मंगलवार की दोपहर विशाल और हिमांशु तुलसीडीह गांव के उस खेत में गए जहां परेश रहता था। उस वक्त कुछ युवक मैदान पर खेल रहे थे, इसलिए परेश को बिना मारे वापस आना पड़ा। अगले दिन बुधवार की सुबह मांगली का फोन आने के बाद संदीप और हिमांशु स्कूटर से इलाके में पहुंचे। हिमांशु झोपड़ी में घुस गया और परेश पर लगातार 5 राउंड फायर किया और फरार हो गया। मंगली ने परिवार में आर्थिक तंगी और अपने पति से छुटकारा पाने के लिए ऐसा किया। परेश के लौटने की तलाश की जा रही है। बिहार पुलिस से संपर्क किया गया है।














