एक महीने के भीतर नहीं समस्याओं का नहीं हुआ निदान तो फिर होगा आंदोलन
अनुबंधकर्मियों की समस्याओं के निदान हेतु सरकार ने पहले ही एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर रखी है: हेमन्त
www.bharattv.news रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मनरेगा कर्मचारी संघ द्वारा हड़ताल समाप्त किये जाने पर संघ के सदस्यों को धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अनुबंधकर्मियों की समस्याओं के निदान हेतु सरकार ने पहले ही एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर रखी है। झारखण्डवासियों की वर्तमान सरकार सभी की पीड़ा और संवेदनाओं को प्राथमिकता पर रखकर कार्य कर रही है और सदैव करेगी।
28 जुलाई से थे हड़ताल पर

मनरेगा कर्मी 28 जुलाई से हड़ताल पर थे। गुरुवार को विभागीय मंत्री और अधिकारियों के साथ प्रोजेक्ट भवन में हुई बैठक के बाद हड़ताल वापस लेने पर सहमति बनी।
चापलूस मनरेगा कर्मियों ने संगठन के साथ धोखा किया :आरोप
जामताड़ा। वहीं मामले में मनरेगा संघ के जामताड़ा जिलाध्यक्ष नरेश सिन्हा ने बताया कि चापलूस मनरेगा कर्मियों द्वारा यह निर्णय हमलोगों पर थोपा गया है। समाचार लिखे जाने तक जिलाध्यक्षों तथा मनरेगा कर्मियों की बैठक जारी थी। नरेश सिंन्हा ने बताया कि फिलहाल एक महीने तक हमलोग देंखेंगे कि सरकार हमलोगों के लिए क्या कर रही है। नहीं तो फिर हमलोग आन्दोलन पर उतरने के लिए बाध्य हो जायेंगे। उन्होने कहा कि बाहरी लोगों ने एक साजिश के तहत बैठक कर इस प्रकार के निर्णय लेकर संगठन के साथ धोखा किया।
झारखंड मनरेगा कर्मी संघ के प्रदेश सचिव जोन पीटर बागे ने सौंपा इस्तफा

वहीं घटना के बाद झारखंड मनरेगा कर्मी संघ के प्रदेश सचिव जोन पीटर बागे ने इस्तफा पत्र वाहट्सअप के माध्यम से भेज दिया है। पीटर ने अपने पत्र में कहा कि आज के घटनाक्रम से मैं बड़ा आहत हूं। राज्य के साथियों के साथ विश्वासघात किया जाना मर्माहत करती है। कुछ गद्दार साथियों ने आज हमारे आंदोलन को कुचलने का कम किया है। हमारे मृत साथियों के परिवार एवं उनके बच्चों को न्याय तथा बर्खास्त मनरेगा साथियों की वापसी धरासायी रह गया। जिससे अंतरआत्मा से मैं बहुत मर्माहत हूं।

गुरूवार देर रात हुई मनरेगा कर्मियों की आपात बैठक
आज अनुबंध कर्मचारी महासंघ की अगुवाई में माननीय मंत्री ग्रामीण विकास विभाग से वार्ता हुई है परंतु हड़ताल समाप्ति की घोषणा में सभी जिला अध्यक्ष और प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी सहमत नही है अतः जो भी आज की वार्ता में हुई है उस पर विचार विमर्श करने के लिए कल सभी जिला कमिटियों के पदाधिकारियों की आपात बैठक रखी गयी है जिसमे आज के वार्ता की समीक्षा करके आगे का निर्णय लिया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि पुरे घटना क्रम के बाद अब यदि हमें हड़ताल में बनें रहना है तो मेरे बिचार से आगामी काल प्रदेश के 24 जिला मे जिलास्तरीय बैठक कर हड़ताल को जारी रखने संबंधित सूचना जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाय। जिस पर जिक्र हो कि हमारे हड़ताल को घुसपैठियों के द्वारा एक साजिश के तहत तोड़ा गया है। और ये वार्ता हमारे संघ द्वारा निर्धारित वार्ता कमिटि के सभी सदस्य नहीं थे। कहा गया कि सभी जिला को ये कदम कल ही उठाना है और एक साथ ये ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम सौंपा जाय। दूसरी बात संघ के सभी पदाधिकारी अपने अपने पद पर बने रहेंगे। बागे जी का इस्तीफा अस्वीकार किया जाय। संघ से नमकहराम लोगों को निकाला जाय। इन्हें पद और ग्रूप दोनो जगह से हटाया जाए। साथ ही सभी 24 जिले के अखबारांे एवं चैनल के माध्यम से घोषणा की जाय कि हमारे संघ की वार्ता कमिटि के साथ वार्ता होने तक और लिखित मिलने तक हड़ताल जारी रहेगा।
बोकरो जिला से निन्दा प्रस्ताव आया सामने
झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के द्वारा आनन.फानन में और चोरी छिपे हड़ताल से वापसी के अविवेकपूर्ण निर्णय रवैये एकुकृत्य की मैं घोर निंदा की गई। साथ ही इस मूर्खतापूर्ण निर्णय में शामिल उन सभी साथियों की सोंच ए नेतृत्व क्षमता और जोश की भी भर्तसना भी किया गया.














