Bharat TV News | "The Right Path to Journalism"

"सच वही जो हम दिखाएं"

एक राष्ट्र एक राशन कार्ड सिस्टम रिफॉर्म को पूरा करने वाला पंजाब 13वां राज्य बना, राज्य को 1,516 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज के लिए मिली मंजूरी

एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली सुधारों को लागू करने के लिए अब तक 13 राज्यों को 34,956 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज के लिए दी गई मंजूरी

BHARATTV.NEWS:केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत पंजाब ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड सिस्टम’ सुधार को सफलतापूर्वक पूरा करने वाला देश का 13वां राज्य बन गया है। इस प्रकार पंजाब अब ओपन मार्केट से वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए 1516 करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज लेने का पात्र हो गया है। इसके लिए व्यय विभाग द्वारा मंजूरी जारी की गई है।

पंजाब अब उन अन्य 12 राज्यों की सूची में शामिल हो गया है जो इस सुधार की प्रक्रिया को पहले ही पूरा कर चुके हैं। इन राज्‍यों में आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्‍टम सुधार के कार्यान्‍वयन को सफलतापूर्वक पूरा किए जाने पर इन 13 राज्यों को व्‍यय विभाग द्वारा 34,956 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति दी गई है।

अतिरिक्त कर्ज के लिए आवंटित रकम की राज्यवार सूची इस प्रकार है:

क्रम संख्‍याराज्‍यरकम (करोड़ रुपये में)
1.आंध्र प्रदेश2,525
2.गोवा223
3.गुजरात4,352
4.हरियाणा2,146
5.कर्नाटक4,509
6.केरल2,261
7.मध्‍य प्रदेश2,373
8.पंजाब1,516
9.राजस्‍थान2,731
10.तमिलनाडु4,813
11.तेलंगाना2,508
12.त्रिपुरा148
13.उत्‍तर प्रदेश4,851

वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम नागरिक केंद्रित एक महत्वपूर्ण सुधार है। इसके कार्यान्वयन से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों, विशेषकर प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को देश भर में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) पर राशन की उपलब्धता सुनिश्चित होती है।

इस सुधार से विशेष रूप से प्रवासी आबादी को सशक्त और खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाता है जो अक्‍सर अपना निवास स्‍थान बदलती रहती है। इसमें ज्‍यादातर श्रमिक, दिहाड़ी मजदूर, शहरी गरीब, कबाड़ उठाने वाले, फुटपाथ पर रहने वाले, संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के अस्थायी श्रमिक, घरेलू श्रमिक आदि शामिल हैं। प्रौद्योगिकी से संचालित यह सुधार प्रवासी लाभार्थियों को देश में कहीं भी इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (ई-पीओएस) से समर्थ किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपने कोटे का खाद्यान्न प्राप्त करने में समर्थ बनाता है।

यह सुधार राज्यों को बेहतर तरीके से लाभार्थियों को लक्ष्‍य करने में समर्थ बनाता है। योग्य लाभार्थियों की पहचान करने के साथ साथ नकली, डुप्लीकेट या अयोग्य कार्ड धारकों की भी पहचान करना आसान हुआ है जिससे कल्याण में वृद्धि हुई है और योजना के दुरुपयोग में कमी आई है। इसके अलावा राशन कार्ड की निर्बाध अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए सभी राशन कार्डों की आधार सीडिंग और स्वचालन के माध्यम से लाभार्थियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन की व्‍यवस्‍था की गई है। साथ ही सभी उचित मूल्य दुकानों (एफपीएस) पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (ई-पीओएस) उपकरणों को अनिवार्य तौर पर स्‍थापित किया गया है। इसलिए, राज्‍यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की 0.25 प्रतिशत की अतिरिक्त उधारी सीमा की मंजूरी निम्नलिखित दोनों कार्यों के पूरा होने पर ही दी जाती है:

(i) राज्य में सभी राशन कार्ड और लाभार्थियों के आधार को लिंक करना

(ii) राज्य के सभी एफपीएस का स्वचालन

कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधनों की आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की कर्ज सीमा को उनके जीएसडीपी के 2 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। इस विशेष व्‍यवस्‍था का आधा यानी जीएसडीपी का 1 प्रतिशत राज्यों द्वारा नागरिक केंद्रित सुधारों को लागू करने से जुड़ा था। व्यय विभाग द्वारा पहचान किए गए सुधार के चार नागरिक केन्द्रित क्षेत्र इस प्रकार हैं- (क) वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली का कार्यान्वयन, (ख) कारोबारी सुगमता संबंधी सुधार, (ग) शहरी स्थानीय निकाय/ यूटिलिटी सुधार और (घ) ऊर्जा क्षेत्र में सुधार।

अब तक 17 राज्यों ने निर्धारित इन चार सुधारों में से कम से कम एक का कार्यान्‍वयन पूरा किया है और उन्हें सुधार से जुड़ी उधारी की मंजूरी दी गई है। इनमें से 13 राज्यों ने वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली लागू की है, 12 राज्यों ने कारोबारी सुगमता संबंधी सुधार किए है, 6 राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधार किए हैं और 2 राज्यों ने ऊर्जा क्षेत्र में सुधार किए हैं। राज्यों को अब तक सुधार से जुड़े अतिरिक्‍त कर्ज के तहत 76,512 करोड़ रुपये के लिए मंजूरी दी गई है।