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उपराष्ट्रपति ने साइकिल संस्कृति को प्रोत्साहित करने और शहरों में आवश्यक साइकिल ट्रैक बनाने पर जोर दिया

साइकिलिंग से कम लागत, शून्य प्रदूषण और स्वास्थ्य लाभ: उप राष्ट्रपति

The Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu virtually inaugurates the International Webinar on ‘Promoting Cycling in Post-Covid World’ organised by the World Cycling Alliance, in New Delhi on November 28, 2020.

WWW.BHARATTV.NEWS: भारत के उपराष्ट्रपति,  एम. वेंकैया नायडू ने आज साइकिलिंग संस्कृति को बढ़ावा देने और शहरों में साइकिल ट्रैक बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कह कि साइकिल चलाना एक स्वस्थ, कम लागत वाला व्यायाम है और प्रदूषण रहित होने वाले कई लाभ प्रदान करता है।

‘कोविड के बाद की दुनिया में साइकिलिंग’ विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार को ऑनलाइन संबोधित करते हुए, श्री नायडू ने कहा कि मजबूत जागरूकता अभियानों और नियमित प्रचार कार्यक्रमों के माध्यम से साइकिल की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता है। वेबिनार के विषय को सामयिक और महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने पृथ्वी ग्रह को हरा-भरा और सुरक्षित बनाने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों का आह्वान किया।

The Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu virtually inaugurates the International Webinar on ‘Promoting Cycling in Post-Covid World’ organised by the World Cycling Alliance, in New Delhi on November 28, 2020.

यह देखते हुए कि महामारी ने हमारे रहने, खरीदने, हमारे समय का उपयोग करने और आवागमन करने के तरीकों को बदल दिया है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भर के कई शहरों में प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप मोटर चालित यातायात में कमी आई है और लोगों को चलने या सवारी करने के विकल्प के रूप में साइकिल मिली है।

इस ओर इशारा करते हुए कि हमारी गतिहीन हो रही जीवन शैली से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए साइकिल चलाना सबसे अच्छा तरीका है, उन्होंने कहा कि साइकिल चलाने से हमारी ऊर्जा स्रोतों आधारित परिवहन पर निर्भरता शून्य हो जाती है, साथ में प्रदूषण भी नहीं होता है और स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है।

श्री नायडू ने कहा, “इसके अलावा, साइकिल उन शहरी और ग्रामीण गरीबों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर सकती है जिनकी बुनियादी गतिशीलता तक पहुंच नहीं है”।

यह बताते हुए कि महामारी ने शहरी परिवहन प्रणाली में साइकिल को बढ़ावा देने और एकीकृत करने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान किया है, उन्होंने शहरी योजना बनाने वालों और नीति निर्माताओं को अपनी योजनाओं और नीतियों पर फिर से नज़र डालने और इनमें साइकिल के लिए ट्रैक शामिल करने की सलाह दी।

यह देखते हुए कि यूरोप, चीन और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के कई शहरी साइकिलिंग नेटवर्क में ट्रैफ़िक में वृद्धि देखी है, श्री नायडू ने कहा कि भारत में साइकिल को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी क्षमता थी और इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने का आह्वान किया।

श्री नायडू ने कहा कि कई शहरों में हुए ट्रैफिक सर्वेक्षणों में पता चला है कि करीब 15% यात्राओं के लिए लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं औऱ यह साइकिल चलाने को बढ़ावा देने का सही समय है क्योंकि यह ध्वनि प्रदूषण को कम करता है, सड़क सुरक्षा में सुधार करता है और बढ़ते ऊर्जा आयात बिल को नियंत्रित करने में भी ये मदद करता है।

एक हालिया अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुमान लगाया गया था कि भारत में छोटी दूरी की यात्राओं के लिए दो और चार पहिया वाहनों की जगह साइकिल का उपयोग करने से 24.3 बिलियन अमरीकी डॉलर का वार्षिक लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा, “हालांकि, साइकिल के लिए बुनियादी ढांचे की अनुपस्थिति इसे समाज के सभी वर्गों के लिए पसंदीदा गतिशीलता समाधान बनने से रोक रही है।”

यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कि कोविड-19 महामारी के बाद की दुनिया हरी-भरी और अधिक लचीली है, श्री नायडू ने शहरों से साइकिल-शेयरिंग की योजना बनाने, सार्वजनिक बाइक शेयरिंग सिस्टम को लागू करने, साइकिल चालकों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्बन क्रेडिट प्रणाली के लिए एक तंत्र बनाने और  ई-साइकिल को बढ़ावा देने का आग्रह किया।

इस आयोजन में वर्ल्ड साइकिलिंग एलायंस की अध्यक्ष सुश्री रैलुका फ़ेसर, वर्ल्ड साइकिलिंग एलायंस के उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष श्री डीवी मनोहर, पेरिस के उप महापौर और यूरोपीय साइक्लिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष श्री क्रिस्टोफ़ नज्दोव्स्की, एनडीएमसी के अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र, स्मार्ट सिटीज़ मिशन के मिशन निदेशक श्री कुणाल कुमार, चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी के सीईओ और आयुक्त श्री कमल किशोर यादव अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।