BHARATTV.NEWS: मानसून और वर्षाकाल में भी पानी नहीं होने से किसानों में चिंता और मायूसी छाई हुई है। जगह जगह पर लगे मक्ई और बीज धान बीचड़ा अब सुखने लगा है। मजदूर और किसान बिना काम के बैठे बैठे चिंता कर रहे हैं कि आखिर यह कैसे संभव है कि मानसून समय और बरसात के मौसम में भी पानी नहीं हो रहा है?
मजदूर किसान काम ढूंढ रहा है लेकिन कहीं कोई काम नहीं मिल रहा है। प्रखण्ड अन्तर्गत लायबनी गांव और सुगनीबासा गांव में कुछ किसान और मजदूर बैठे हुए थे। उनसे मिलकर पूछा गया कि पानी के बिना खेती कार्य हो रहा है क्या? तो लोगों ने अपनी दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि हम लोग बेकार बैठकर समय काट रहे हैं।खेत में पानी नहीं है। हल कहां चलायेंगे। जो मक्ई लगाये हैं वह भी सुख कर मर रहा है। बीज धान खरीद कर बीचड़ा डाले थे वह भी सुख कर मर रहा है।हम लोग नाकाम हो गये हैं। दिहाड़ी मजदूरों का कहना है कि मनरेगा योजना के तहत काम भी नहीं मिल रहा है। सभी जगह काम बन्द हो गया है। ऐसे में हमलोग बहुत चिंतित हैं। हमारे बाल-बच्चे खायेंगे क्या?

जब उपरोक्त गांवों के लोगों से पूछा गया कि आपके गांव होकर अजय नहर गुजरी है।उस नहर के पानी से खेती कार्य क्यों नहीं करते हैं। इस पर सभी लोगों ने दुःख भरी कहानी सुनाते हुए कहा कि इस नहर निर्माण में हमलोगों का काफी जमीन नहर में चला गया है। लेकिन आज तक खेती कार्य के लिए नहर से कभी भी समुचित पानी उपलब्ध नहीं हो सका है। इस नहर से हमलोगों को कोई फायदा नहीं है और न ही आगे इससे फायदा मिलने की संभावना है।ऐसा क्यों है पूछने पर कहा कि जब से नहर बना है (1978-89)तब से आज तक बनते ही रहा है।हर वर्ष बरसात में नहर में पानी छोड़ने से कहीं न कहीं नहर टूट फूट जाती है जिसके कारण नहर में पानी छोड़ना बंद कर दिया जाता है।
अभी भी लायजोरी दिग्घी गांव में टूटे हुए जगह पर काम हो रहा है।काम भी ठिकेदार धीमी गति से करा रहे हैं। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी सुस्ती मार रहे हैं। ऐसे में नहर में पानी कैसे छोड़ा जा सकता है।
मजदूर किसान आकाश की ओर देख कर कहते हैं आसमान से तेज धूप से धरती जलने लगी है। कुआं तालाब चापाकल सुखने लगा है। पानी के लिए किसान मजदूर हाहाकार कर रहे हैं।ऊपर आकाश से सूरज आग बरसा रहे हैं।इस लिए हम लोग सब तरफ से परेशान हैं। सरकार से रोजगार के लिए मनरेगा का काम चालू करवाया जाय और सिंचाई के लिए नहर में पानी छोड़ा जाय। सरकार से यही मांग है हमलोगों का। REPORT: DHANESHWAR SINGH












