
उपायुक्त जामताड़ा के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण से उत्पन्न संभावित परिस्थितियों को लेकर तैयारी से संबंधित मॉक ड्रिल सोमवार को जामताड़ा में आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल का जब पूरी पुलिस फोर्स के साथ प्रशासनिक पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम अचानक गांव में संक्रमित को अस्पताल ले जाने के लिए पूरी तैयारी से पहुंचे थे , वहां के नजारे को देख सभी एक दूसरे से पूछताछ करने में लगे हुए थे। आखिर माजरा क्या है? लेकिन कुछ ही देर बाद सब कुछ सामान्य हो गया।
मॉक ड्रिल का झलक कब क्या हुआ
सर्व प्रथम समाहरणालय सभागार में उपायुक्त जामताड़ा के नेतृत्व में सभी को मॉक ड्रिल की रणनीतियों से अवगत कराया गया। तत्पश्चात पूरी टीम नारायणपुर प्रखंड के पबिया पहुंची जहां संक्रमित मरीज होने कि सूचना प्राप्त थी। जहां से मरीज को डेडीकेटेड अस्पताल उदलबनी लाया गया।

मॉक ड्रिल के दौरान उपस्थित पदाधिकारी
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक अंशुमन कुमार,उप विकास आयुक्त नागेन्द्र कुमार सिन्हा,आइटीडीए डायरेक्टर नीतीश कुमार सिंह, डीआरडीए निदेशक रामवृक्ष महतो,सिविल सर्जन डॉ आशा इक्का, डॉ दुर्गेश झा, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविन्द उपाध्याय,जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्रीमती कंचन कुमारी भुदोलिया,सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग प्रधान माझी,उप निर्वाचन पदाधिकारी विजय केरकेट्टा,प्रखंड विकास पदाधिकारी नारायणपुर माहेश्वरी प्रसाद यादव,सभी थाना के थाना प्रभारी सहित अन्य मौजूद थे।

• उपायुक्त ने कहा मॉक ड्रिल से भयाक्रांत होने की आवश्यकता नहीं, जामताड़ा जिला कोरोना संक्रमण से सुरक्षित
पूरी दुनिया के लिए मुसीबत बने कोरोना वायरस (covid 19) के प्रसार को देखते हुए 13 अप्रैल 2020 को जिला मुख्यालय जामताड़ा में उपायुक्त जामताड़ा गणेश कुमार प्पुलिस अधीक्षक अंशुमन कुमार , उप विकास आयुक्त नागेंद्र कुमार सिन्हा आईटीडीए निदेशक नितीश कुमार सिंह(भा.प्र.से.), अपर समाहर्ता सुरेंद्र कुमार, डीआरडीए निदेशक श्रीराम वृक्ष महतो,अनुमंडल पदाधिकारी श्री सुधीर कुमार,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविंद उपाध्याय,सिविल सर्जन डॉ आशा एक्का सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों की मौजूदगी में मॉक ड्रिल की गई। ताकि कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज आने की स्थिति में उसे समय पर संभाला जा सके।

मॉक ड्रिल कोरोना संक्रमण से उत्पन्न संभावित परिस्थितियों को लेकर तैयारी से संबंधित
उपायुक्त जामताड़ा गणेश कुमार ने मौके पर कहा कि मॉक ड्रिल कोरोना संक्रमण से उपजी संभावित परिस्थितियों को लेकर तैयारियों से संबंधित था। इसके लिए भयाक्रान्त होने जैसी कोई बात नहीं है। मॉक ड्रिल को सफल बनाने में लगे स्वास्थ्य विभाग की टीम, पुलिस टीम सहित सभी को उपायुक्त ने धन्यवाद दिया व कहा कि ये तो बस एक ट्रायल है। असली परीक्षा आगे होगी इसलिए हम सभी को अलर्ट मोड पर रहना होगा। जिसके लिए सभी को समन्वय स्थापित कर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के उद्देश्यों की पूर्ति तभी हो सकेगी जब COVID- 19 के संक्रमण से उपचार संबंधित डॉक्टर, नर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ पूरी तरह सजग एवं तत्पर रहें।
मॉक ड्रिल कराने का उद्देश्य
श्री नितीश कुमार सिंह(भा.प्र.से.) परियोजना निदेशक आइटीडीए सह वरीय प्रभारी कोविड 19 ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का महत्व अस्पताल के मेडिकल स्टाफ को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है।इस दौरान इमरजेंसी की तैयारी को पुरी तरह से परखा गया।जहां भी कमी पाई गई है उसे दूर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रहा है। ऐसे में अस्पतालों को पूरी तरह से तैयार करना बड़ा जरूरी है।
मॉक ड्रिल में नजर आई तैयारी
मॉक ड्रिल के दौरान कोरोना वायरस से पीडि़त मरीज के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग की बेहतर तैयारी की गई है मौके पर महामारी विशेषज्ञ डॉ अजित कुमार दुबे ने बताया कि मॉक ड्रिल के माध्यम से कोशिश की गई कि कोरोना के मरीज को कैसे एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल लाया जा सकता है और उन्हें कैसे आइसोलेट किया जाएगा, इसमें क्या-क्या सावधानी बरतनी है,इसकी जानकारी दी गयी,इसके अलावा सैनीटाइज करने, मास्क, टोपी आदि से एहतियात बरतने की जानकारी भी दी गयी।

त्रिस्तरीय टीम ने मॉक ड्रिल को सफल बनाया
पूरे 7 किलोमीटर की सीमा में त्रिस्तरीय टीमें लगी थी। पहली टीम घर-घर जाकर संभावित मरीजों का सर्वेक्षण कर रही थी। वहीं दूसरी टीम क्विक रिस्पांस टीम थी, जो मरीजों की देखभाल और उनके उपचार के संबंध में चिकित्सक के निर्णय पर कार्रवाई कर रही थी। तीसरी टीम सर्विलांस टीम थी, जो चलंत रूप में पहली टीम के सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर संभावित मरीजों के संबंध में निर्णय ले रही थी एवं जरूरत पड़ने पर ऐसे संभावित लोगों को आइस्यूलेशन सेंटर में तत्काल शिफ्ट करने का जिम्मा था,दूसरी ओर सिविल सर्जन के नेतृत्व में विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम थी,जो संभावित मरीज के स्वास्थ्य जांच के उपरांत यह निर्णय ले रही थी कि संभावित मरीज स्वाब के नमूने लेकर रिम्स रांची को भेजा जाए,इस मॉक ड्रिल के दौरान चिकित्सकों, प्रशासनिक अधिकारियों,पुलिस पदाधिकारियों ने साबित किया कि COVID-19 के संक्रमण की स्थिति में जामताड़ा जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

उदालबनी ओल्ड एज होम को बनाया गया है कोविड 19 अस्पताल
जामताड़ा जिले के उड़ालबनी ओल्ड एज होम को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है, पूरे अस्पताल को 2 ज़ोन येलो एवं रेड ज़ोन में बांट दिया गया है। अस्पताल के एंट्री प्वाइंट पर विशेष सैंपल कलेक्शन सेंटर बनाया गया है।अस्पताल के डॉक्टरों,नर्सों,स्वास्थ्यकर्मी, सफाई कर्मी आदि की एक टीम बनाई गई है सभी को जरूरत के अनुसार विशेष सुरक्षा किट भी उपलब्ध करा दिया गया है।अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविन्द उपाध्याय के नेतृत्व में पुलिस टीम पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी पर जुटी रही।
पॉजिटिव मरीज के मिलते ही पुलिस निरीक्षक श्री मनोज कुमार सिंह ने पॉजिटिव मरीज के इलाके के तीन किलोमीटर रेडियस को कैंटोनमेंट जोन बनाकर कंपलीट लॉकडाउन कर दिया। इसके बाद पॉजिटिव कोरोना मरीज के कॉल डिटेल से उसके लोकेशन को ट्रेस कर सारे संभावित संक्रमित लोगों की पहचान भी कर ली गई। उनकी भी डोर टू डोर स्क्रीनिग शुरू कर दी गई। यही नहीं उस इलाके को भी सेनेटाईज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई, जहां जहां मरीज गया।
उपायुक्त जामताड़ा ने किया लोगों से अपील
उपायुक्त जामताड़ा लोगों से अपील किया है कि वे लॉक डाउन अवधि के दौरान ज्यादा समय अपने घरों पर ही रहें ,विशेष परिस्थिति में ही अपने घरों से बाहर निकलें। जिला प्रशासन पूरी तरह सजग और तत्पर है।उन्होंने किसी भी अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा। साथ ही उन्होंने लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों को चेताया कि बिना वजह सड़क पर घूमने वालों पर कड़ी करवाई की जाएगी साथ ही कहा कि जिला प्रशासन सोशल मीडिया साइट फेसबुक,वॉट्सएप, ट्विटर आदि पर नजर बनाए हुए है अफवाह फैलाने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।














