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असुरक्षित वाहनों में ढोए जा रहे स्कूली बच्चे, पुलिस ने चलाया जांच अभियान, 15 स्कूली वाहनों की हुई जांच

चित्तरंजन/रूपनारायणपुर। पंजाब के संगरूर के लोंगोवाल में मारुति वैन में आग लगने से हुए हादसे में चार स्कूली बच्चों की मौत के बाद लगभग सभी राज्यों की पुलिस जाग गई है। बुधवार को सालानपुर एवं रूपनारायणपुर पुलिस के संयुक्त टीम ने रूपनारायणपुर एवं सालानपुर क्षेत्र के निजी स्कूलों में चलने वाले स्कूली वाहनों की गहन जांच की तथा दिषानिर्देष नहीं मानने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई। सुबह आठ बजे से 11 बजे तक जांच अभियान चलाया गया। रूपनाराणपुर डीएभी स्कूल के बाहर लगे 13 वाहनों की सालानपुर थाना प्रभारी पवित्र कुमार गांगुली के नेतृत्व में जांच की गई। इस सबंध में थाना प्रभारी पवित्र कुमार गांगुली ने बताया कि पुल कार में सीटिंग , सीट बेल्ट, लाइसेंस, प्रदुशण के कागजात, सीटिंग कैपासिटी, रजिस्ट्रेषन, आदि की जांच की। कहा कि चालक जिस वाहन से स्कूली बच्चों को लाएंगे उसी वाहन से ही उनके घर तक सुरक्षित तरीके से बच्चों को पहुंचाना होगा। षनिवार 22 फरवरी को भी स्कूली वाहनों की जांच अभियान चलाया जाएगा तथा कार्रवई की जाएगी। फिलहाल किसी भी वाहनों के चालन नहीं काटे गये हैं। बताया जाता है कि जमीनी स्तर पर वाहन चालको में सुरक्षा की भावना को जागृत करने के लिए ही पुलिस द्वारा जांच अभियान चलाया जा रहा है। वहीं चित्तरंजन, रूपनारायणपुर तथा सालानपुर क्षेत्र के विभिन्न निजी स्कूलों में शहर में दर्जनों की तादाद में असुरक्षित स्कूली वाहन घूमते रहे। अधिकतर वाहनों में उसकी क्षमता से अधिक स्कूली बच्चे ढोए जाते हैं। साथ ही अनफिट वाहन भी धड़ल्ले से स्कूली बच्चों को ढोते रहे। सेफ स्कूल वाहन स्कीम और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पुलिस अब आगे की कार्रवाई करेगी। स्कूल वाहनों में छोटा हाथी, थ्री व्हीलर सहित अन्य वाहन शामिल है। इन वाहनों में नए मॉडल के वाहनों को तो फिटनेस सर्टिफिकेट मिला है, परंतु पुराने वाहनों में मानक पूरे नहीं है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने स्कूलों में जाकर भी वाहनों के दस्तावेज, मेडिकल किट, अग्नि-शमन यंत्र एवं सीसीटीवी कैमरे आदि की जांच करने की बात कही जा रही है। साथ ही 15 वर्ष पुराने वाहनों पर ध्यान केंद्रित रहा। शहर में स्कूल वाहनों में कई ऐसे वाहन भी शामिल है, जोकि 15 साल पुराने हो चुके है, लेकिन अभी तक इन वाहन चालकों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई थी।