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अमेरिकी नागरिकों से 10 करोड़ की साइबर ठगी, साउथ 24 परगना में तीन गिरफ्तार

ओम प्रकाश शर्मा , कोलकाता, 7 फरवरी 2025 – अमेरिकी नागरिकों से करोड़ों की ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पश्चिम बंगाल साइबर अपराध विभाग की संयुक्त कार्रवाई में सोनारपुर स्थित एक फर्जी कॉल सेंटर से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह गिरोह अमेरिकी नागरिकों को तकनीकी सहायता के नाम पर डरा-धमकाकर ठगी करता था।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जय हालदार (25), तन्मय मंडल (25) और शुभजीत विश्वास (29) के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से पांच लैपटॉप, सात हेडफोन, दो राउटर और कई फर्जी दस्तावेज जब्त किए हैं। गिरोह अब तक करीब 10 करोड़ रुपये का लेन-देन कर चुका था।

कैसे देते थे धोखाधड़ी को अंजाम?
गिरोह कंप्यूटर स्क्रीन पर माइक्रोसॉफ्ट का फर्जी चेतावनी संदेश दिखाकर लोगों को डराता था कि उनका सिस्टम हैक हो गया है और जल्द क्रैश हो सकता है। समाधान के नाम पर उन्हें एक नंबर पर कॉल करने को कहा जाता था, जहां गिरोह के सदस्य खुद को “माइक्रोसॉफ्ट टेक्निकल सपोर्ट” बताकर लोगों से 200 से 400 डॉलर तक वसूलते थे।

ठगी से मिली रकम क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भारत लाकर कोलकाता और दिल्ली में नकद में बदली जाती थी। इसके अलावा, अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) के फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से भी लोगों को डराकर पैसे ऐंठे जाते थे।

पुलिस की कार्रवाई
31 जनवरी को पश्चिम बंगाल साइबर अपराध विभाग की डीआईजी अंजलि सिंह को सूचना मिली कि सोनारपुर में एक अवैध कॉल सेंटर से साइबर ठगी हो रही है। तुरंत बारुईपुर पुलिस और साइबर थाने की टीम ने छापा मारकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने जय हालदार के नाम पर 50 लाख रुपये की एक विदेशी कार और 2.5 करोड़ के दो फ्लैटों का भी पता लगाया है। कई संदिग्ध बैंक खातों की भी पहचान की गई है, जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी में किया गया था।
जांच जारी: पुलिस को शक है कि इस गिरोह से और भी लोग जुड़े हुए हैं। जल्द ही अन्य सहयोगियों की पहचान कर गिरफ्तारियां की जाएंगी।