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अब कोरोना से निपटना पंचायत क्षेत्र की सबसे बड़ी होगी चुनौती

कोरोना से घिर रहा है हमारा चौहद्दी

ओम प्रकाश शर्मा, सालानपुर। चार बड़े युद्ध में जितने लोग मारे गये उससे अधिक लोग इस कोरोना से मारे गये। चार महीने के भीतर अमेरिका में कोरोना से एक लाख लोग मारे गये। भारत में अब तक लगभग कोरोना संक्रमित मरीजों का आकंड़ा एक लाख 60 हजार हो गया। देखते ही देखते यह राई से पहाड़ हो गया। जामताड़ा के करमाटाड़, नाला, कुंडहित के बाद जामताड़ा जिला से सटे बंगाल के चित्तरंजन, नेताजी कलोनी फिर आज अरविन्द नगर में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से दहशत थमने का नाम नहीं ले रहा है। हलाकि नेजाती कलोनी में जो मरीज मिला वह मुम्बई से आया था और अरविन्द नगर में जो मरीज मिला वह मार्चेंट नेवी में कार्यरत थे। मंगलवार को कोरोना के साथ चित्तरंजन का नाम जुड़ा तो बुधवार और गुरूवार को सालानपुर पंचायत समिति क्षेत्र के उत्तरामपुर जीतपुर पंचायत क्षेत्र कोरोना संक्रमित इलाके के रूप में चिन्हित हो गया।

अभी तक ज्यादातर लोग बिना मास्क के भी पंचायत क्षेत्र के इलाके में लोग घूम रहे थे। अभी तक स्थिति ऐसी है कि यहां के पंचायती इलाके में सोसल डिस्टेंसिंग का ख्याल तक नहीं रखा जा रहा है। अब हो सकता है कि इस खबर के बाद लोगों में दहषत हो और ग्रामीण इलाके में भी सोसल डिस्टेंसिंग सहित सभी प्रकार के सर्तकता का लोग ख्याल रखेंगे।


हाल ही कई साप्ताहिक हटिया में भी सोसल डिस्टेंसिग की धज्जियां उड़ाई गयी। अब स्थाानीय प्रशासन के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि इलाके को पूरी तरह से सेनिटाइज किया जाय। साथ ही दोनों मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री की बारीकी से छानबीन कर सभी को क्वारंटाइन किया जाय अन्यथा कोरोना को तेज गति से फैलने से कोई नहीं रोक सकेगा।


एकबार सोचिए जरूर कि चीन के बुहान शहर से आखिर यहां तक कोरोना पहुंच ही गया। चाहे जैसे भी हो। अब तक चित्तरंजन, सालानपुर के लोग सिर्फ मीडिया में ही पीपीई कीट पहने स्वास्थ्य कर्मियों को देखते आ रहे थे अब पता नहीं कि कब हमारे आपके आसपास कोरोना मरीज को लेने ये कब आ धमकेंगे किसी को पता नहीं। इसलिए लोंगों को पूरी सर्तकता के साथ अपना काम करना होगा।

बाहरी लोग अगर आपके इलाके में आते हैं तो तुरंत इसकी खबर स्थानीय पुलिस प्रशासन को देना होगा। लेकिन ऐसा भी सुना जा रहा है कि लोग पहले अगर बाहर से आये तो पड़ोसियांे के झगड़े की डर से लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी।

रूपनारायणपुर सीमा क्षेत्र में कोरोना का आतंक दूर होगा

वैसे पिथकियारी ग्रामीण अस्पताल ने कोरोना परीक्षण के लिए एक प्राथमिक केंद्र के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। कुशल तकनीशियन और प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारी संभावित रोगियों से लार एकत्र कर रहे हैं। ये सभी नमूने तीन परतों में पैक किए जाएंगे और सीधे ग्रीन कॉरिडोर के साथ कोलकाता में बेलेघाटा आईडी तक जाएंगे। 48 घंटों के भीतर, कोरोना परीक्षण के परिणाम कोलकाता से ई-मेल के माध्यम से पिठकियारी अस्पताल भेजे जाएंगे। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, कोरोना परीक्षण उन लोगों के लिए आयोजित किया जाएगा जो लक्षणों के साथ यहां भर्ती हैं, साथ ही कई राजनीतिक नेता, पुलिस, डॉक्टर, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पत्रकार, बैंक कर्मचारी जो अस्पताल के बाहर यात्रा करने के लिए मजबूर हैं उनका भी परीक्षण किया जा रहा है ताकि वे चिंता मुक्त हो सकें। पिथकियारी अस्पताल में, हर दिन कम से कम 15 लोगों के कोरोना टेस्ट के लिए लार के रस को इकट्ठा करने की व्यवस्था है। इस व्यवस्था के परिणामस्वरूप, रूपनारायणपुर से सटे पूरे क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति कोरोना परीक्षण का अवसर ले सकेगा। जिन लोगों का लार का रस एकत्र किया जाएगा उनका पता और फोन नंबर अस्पताल में होगा, इसके लिए किसी को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होगी। इस व्यवस्था के परिणामस्वरूप, प्रशासन को लगता है कि रूपनारायणपुर सीमा क्षेत्र में कोरोना का आतंक दूर हो जाएगा।