BHARATTV.NEWS: वट सावित्री व्रत आज सोमवार को सुहागिन महिलाएं व्रत रखने के साथ बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा कर मनायी गई। इसके साथ ही पूजा के दौरान वट सावित्री व्रत की कथा भी सुनी गई। आज सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना की। इसके साथ ही वट वृक्ष से कामना की गई कि पति के साथ-साथ संतान सुखी रहें। मौके पर जेमारी श्री रामेश्वर महादेव शिव मंदिर के पंडित प्रमोद गोस्वामी ने वट सावित्री व्रत कथा उपस्थित महिलाओं के बीच कही। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध तत्त्वज्ञानी अश्वपति भद्र देश के राजा थे। उनको संतान सुख नहीं प्राप्त था। इसके लिए उन्होंने 18 वर्ष तक कठोर तपस्या की, जिसके उपरांत सावित्री देवी ने कन्या प्राप्ति का वरदान दिया। इस वजह से जन्म लेने के बाद कन्या का नाम सावित्री रखा गया। कन्या बड़ी होकर बहुत ही रूपवान हुई।












