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बढ़ रहा है मिहिजाम में कोरोना संदिग्धों का दायरा……तो कहां जाकर यह थमेंगा

ट्रू नट मशीनों की जाँच रिपोर्ट 99.9 प्रतिशत होता है सही

ओम प्रकाश शर्मा, जामताड़ा। शुरू शुरू में पूरे जामताड़ा जिला में एक भी संक्रमित मरीज नहीं थे तब ऐसा लग रहा था कि कम से कम, यहां कोराना नहीं पहुंचा है लेकिन अचानक से यह दायरा बढ़ने लगा और कोराना संक्रमित मरीजों की संख्या 26 हो गयी है हलाकि जामताड़ा का स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की तत्पररता के कारण स्थिति अभी नियंत्रण में है। जबकि दूसरी ओर मिहिजाम में संदिग्ध मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है और यह कहां जाकर थमेगा अभी बताना मुश्किल हो रहा है। हम इसलिए ऐसा कह रहे हैं क्योंकि मिहिजाम में लोग अभी भी इसे हल्के में ले रहे हैं और अकारण ही सड़कों पर लोग घूमते नजर आ जाते हैं। मिहिजाम में कोरोना ने दरवाजा खटखटाया है। इस क्षेत्र में कोरोना संक्रमण मरीजों को लेकर पिछले कई दिनों से भ्रम की स्थिति रही। लेकिन हमारी यह रिपोर्ट आपको भ्रम से दूर करने का प्रयास करेगी। पहला कानगोई निवासी एक व्यक्ति कोरोना संदिग्ध पाया गया जिसे जेबीसी क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया। वह कानगोई आया ही नहीं चूंकि वह कानगोई आया ही नहीं इसलिए यहां के लोगों को डरने की कोई आवश्यकता नहीं। लेकिन शनिवार को भारतमाता मंडप में एक व्यक्ति को इसलिए कोविड अस्पताल ले जाया गया क्योंकि उसकी जांच रिपोर्ट ट्रूनट मशीन में पाजिटिव आया

क्या है ट्रू नेट मशीन

जनकारी के मुताबिक ट्रू नेट मशीन के द्वारा न्यूक्लिक एम्प्लीफाइड टेस्ट किया जाता है। भारत में अभी तक इस मशीन का प्रयोग टीबी व एचआइवी संक्रमण जैसे लक्ष्णों का पता लगाने में होता रहा। कोरोना संक्रमण के बाद ट्रू नेट मशीन में कोरोना जांच किट का इस्तेमाल किया गया। इसके माध्यम से कोरोना का स्क्रीन टेस्ट सफलतापूर्वक किया जा रहा है। स्क्रीन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर व्यक्ति का सैंपल कोविड लैब में जांच के लिए भेजा जाता है।

कैसे होती है जांच

ट्रू नेट मशीन लगने से संदिग्धों का थ्रोट स्वाव व नोसल स्वाव सैंपल लेकर मशीन में लगाया जाता है। सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आने पर कोरोना संक्रमण न होने की पुष्टि होती है। ट्रू नेट मशीन में सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर संबंधित व्यक्ति का सैंपल दुबारा जांच के लिए कोविड लैब में भेजा जाता है। ट्रू नेट मशीन लगने से टेस्टिग की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। जिले में ही जांच होने से रिपोर्ट भी उसी दिन प्राप्त हो रही है। निगेटिव आने वाले सैंपलों को पीएमसीएच नहीं भेजना पड़ रहा है। जिससे वहां की लैब का भार भी कम हो रहा है।

कैसे करती है काम


कोई भी वायरस शरीर में डीएनए व आरएनए पर अटैक करता है। स्वाव का सैंपल लेने के बाद उसकी सेल को ब्रेक किया जाता है। उस सेल को सर्च किया जाता है जहां वायरस का अटैक होता है। इसके बाद उस सेल के आसपास डीएनए व आरएनए की संख्या को बढ़ाकर अध्ययन किया जाता है। ट्रू नेट मशीन के द्वारा शरीर में वायरस की 0.01 प्रतिशत मात्रा को भी डिटेक्ट किया जा सकता है।

क्या होता है टूनेट मशीन का जांच रिपार्ट– चिकित्सकों के मुताबिक टूनेट मशीन का जांच रिपोर्ट 99.99 प्रतिशत सही होता है। मिहिजाम के दो लोगों का कोराना टेस्ट ट्रूनेट मशीन में हुआ है जिसमें दोनों पोजिटिव पाये गये। टू नेट मशीन में पोजिटिव आने का मतलब है आॅलमोस्ट 99.99 प्रतिशत पाजिटिव है।

कोविड 19 के मुख्य चिकित्सा पदाधिकरी डाॅ दुर्गेश झा के अनुसार :

सराकर हमलोगों को टू्रनेट जो मशीन भेजी है इसलिए तो भेजी है कि जिला स्तरीय जांच हो सके। ताकि 10- 15 करके जो समय लग रहा था पाजिटिव या नेगेटिव, यह जानने में। इस अंतराल में तो पूरा संक्रमण फैलने का डर होता है। ऐसे में टूनट मशीन काफी सहायक सिद्ध हो रहा है। इसलिए जो भी सैंम्पल हमलोग लेते हैं सोच समझकर लिया जाता है। मिहिजाम के मामले में ये जो भारतमाता मंडप के क्वारंटाइन सेंटर में था वह तो हाइली ससपेक्टेड था क्योंकि इसके पिता भी कोरोना संक्रमित पाजिटिव है और ये उस रूम में ही था जिस रूम में रात में उसके पिता रहे थे। ये दिल्ली से आया था फिर साथ में मंुगेर ंमें भी रहा जो दोनो ही रेड जाॅन है। जब इतने जगह से घूम आया और पिता के साथ भी रहा फिर बुखार भी पाया इसके बाद तुरंत सैंपल लेकर उसका ट्रूनट टेस्ट शाम को करावाया सुबह तक रिजल्ट आ गया इसके बाद तुरंत गाड़ी भेजकर उसे उठाकार कोविड अस्पताल लाया गया।

और जो महिला उसे खाना खिलाती थी

साथ में जो लड़की उसे खाना खिलाती थी जिसको बोला गया था क्वारंेटााइन सेंटर में जाकर भर्ति हो जाइये लेकिन पोलिटिकली मोटिवेटेड होकर वह क्वारंटाइन सेंटर न जाकर घूमती रही। वह लड़की की सम्पर्क में उस व्यक्ति का आया। वहीं कृष्णानगर स्थित उस व्यक्ति के घर के बगल में रहनेवाली लड़की को 102 डिग्री बुखार पाया गया। जिसे भी अस्पताल ले जाया गया। कल पूरा सैंपलिंग होगा बगल वाले घरों का। ध्यान देने वाली बात यह है कि जो लड़की खाना खिलाती थी वह मिहिजाम में घर घर जाकर काम करती है। तो ऐसे में जिस जिस घर मे काम करने गयी सब में जाकर सैंम्पिलंग करना पड़ेगा। और जो पार्षद पोलिटिकली मोटिवेटेड करके सब जगह मोटरसाइकिल में बैठाकर ले गया उसका सैंपल जांच भी करना होगा। ट्रू नट मशीन में जिनका भी जांच सकरात्मक है पीएमसीएच में जांच भेजने से पहले सात दिनों तक दवा खिलाकर इलाज किया जाएगा। जो मशीन भेजा गया है इसलिए भेजा गया है ताकि क्वीक रिपोटिंग हो सके। टू नेट के दो पोजिटिव केस को हमलोगों ने 14 दिन में नेगेटिव किया है और आरटीपीसीआर रिपोर्ट के बाद हमने मरीजों को ताली बजाकर छुट्टी की है। अभी तक जिले में संक्रमितों की संख्या 26 के आसपास ही है। कोविड-19 के इस लड़ाई में 12 नर्स , दो एमबीबीएस डाक्टर और अन्य स्टाॅफ रात दिन लगे हुए हैं।

अब वार्ड पार्षद का भी होगा सैंपिल जांच

बताया कि मिहिजाम में एक पार्षद महिला के साथ अपने कार्य हेतु इधर उधर गये थे इसलिए पार्षद का भी जांच होगा। मिहिजाम में जो नौकरानियों का काम करती है स्वास्थ टीमें उनका भी स्वास्थ्य करेगी। उनका रैंडम जांच सैंपल लिया जायेगा क्योकि पार्षद के साथ वह महिला कई सरकारी कार्यालयों में गयी थी अगर सभी नेगेटिव निकले तो ठीक है और नहीं निकले तो मिहिजाम में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

मिहिजाम में क्वारंटाइन सेंटर हटाने के खिलाफ उठा रहे विरोध के स्वर

मिहिजाम। मिहिजाम-जामताड़ा मुख्य मार्ग पर स्थित क्वारंटाइन सेंटर का विरोध रविवार को शुरू हो गया। इससे पहले लोग इसके खिलाफ एकजुट नहीं थे लेकिन जैसे ही शनिवार को यहां से टू्रनट मशीन में पाजिटिव पाये गये व्यक्ति की पहचान हुई यहां के लोगों में भय का माहौल बन गया। रविवार को बालमुकुन्द रविदास, धमेन्द्र गुप्ता, दिनेश यादव आदि के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोगों ने हस्ताक्षरयुक्त मांग पत्र जिले के उपायुक्त के नाम लिखा जिसमें कहा गया है कि भारतमाता मंडप घने आबादी के बीच स्थित है और यहां पर क्वारंटाइन सेंटर का होना हमारे लिए खतरा है इसलिए इसे यहां से अन्यत्र ले जाया जाय।