कोविड एवं नन कोविड के मरीजों का इलाज सरकारी ,गैर सरकारी अस्पतालों एवं निजी क्लीनिकों में चिकित्सा सेवाएं रहेगा बहाल
निजी क्लीनिक वाले संक्रमण के डर से क्लीनिक को बंद रख रहे हैं, जिससे आम लोगों को हो रही है परेशानी
उपायुक्त जामताड़ा गणेश कुमार (भा.प्र.से.) ने बताया कि सरकार के प्रधान सचिव,स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड रांची के आदेश तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पत्रांक DO NO 7 (23) /2020 NHM -1 दिनांक 28.04.2020 के द्वारा स्पष्ट किया गया है कि, लॉक डाउन के दौरान कोई भी नन कोविड मरीज किसी अस्पताल (सरकारी एवं निजी ) में ईलाज या प्रवेश से वंचित न हो। विदित हो कि निजी क्षेत्र के अस्पतालों में अपने नियमित रोगियों को डायलिसिस, रक्त आधान, किमोथरेपी और संस्थागत प्रसव जैसी महत्वपूर्ण सेवाएॅं प्रदान करने में संकोच किया जा रहा है,संक्रमण या कोविड-19 के भय के कारण वे अपने अस्पतालों/ क्लिनिकों को बंद रख रहें हैं। यह भी देखा जा रहा है कि कई स्थानों पर अस्पताल/ क्लीनिक सेवाएॅं देने से पहले कोविड-19 परीक्षण पर जोर दे रहें हैं,जबकि गृह मंत्रालय के आदेश संख्या 40-3/2020-DM-I(A) दिनांक 15.04.2020 में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि सभी स्वास्थ्य सेवाएॅं लाॅकडाउन की अवधि के दौरान कार्यशील रहेंगे।

निजी क्लीनिक को क्रियाशील बनाए रखने हेतु सिविल सर्जन को निर्देश
उपायुक्त जामताड़ा गणेश कुमार(भा.प्र.से.) ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि उपरोक्त तथ्यों के आलोक में सभी अस्पतालों/क्लीनिकों विशेष रूप से निजी क्षेत्र के लोगों को इस तथ्य के बारे में सूचित करें कि वे क्रियाशील बने रहें और यह सुनिश्चित करें कि डायलिसिस, रक्त आधान, कीमोथेरेपी, संस्थागत प्रसव सहित अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को निश्चित रूप से संचालित करेंगे। निर्देश के अनुपालन नहीं करने वाले अस्पतालों/नर्सिंग होम के पंजीकरण को रद्द किया जाएगा उपायुक्त जामताड़ा ने इस संबंध में बताया कि दिए गए दिशा निर्देशों के अनुपालन नहीं करने पर इसे गंभीरता से लेते हुए कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी,जिसमें दोषी पाये गये अस्पतालों/नर्सिंग होम के पंजीकरण को रद्द कर दिया जायेगा।
















