BHARATTV.NEWS, JAMTARA: जामताड़ा और धनबाद जिला के निरसा प्रखंड के बीच बारबेन्दिया बिरग्राम बराकर नदी नाव दुर्घटना के एक महीना गुजरने के बाद भी पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है । दिल दहला देने वाली यह घटना पिछले 24 फरवरी 2022 की है । झारखंड विधानसभा का बजट सत्र अपने शबाब पर था । विदित हो कि बराकर नदी नाव दुर्घटना में 14 लोगों की मृत्यु हुई थी और 5 लोग तैर कर बाहर निकलने में सफलता पाए थे । मृत व्यक्तियों को निकालने के लिए जामताड़ा जिला प्रशासन विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी और अपर्णा सेनगुप्ता एवं गोताखोर एनडीआरएफ की टीम लगातार 4 दिनों तक काफी मशक्कत कर चुके हैं । हांलाकि मृत लोगों को निकालने में स्थानीय ग्रामीण मैनुअल नाव का सहारा लेकर एनडीआरएफ टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिए थे । जिन लोगों की जान गई है उनलोगों को तो कोई वापस नहीं ला सकता है लेकिन पुल का निर्माण कार्य जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी और निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने अविलंब शुरू कराने की मांग विधानसभा के बजट सत्र में उठाए थे । बजट सत्र के दौरान दिल दहला देने वाली घटना को संज्ञान में लेते हुए झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने पुल का हवाई सर्वेक्षण तो कराए लेकिन लोगों को अब भरोसा टूटने लगा है कि वहां पुल का निर्माण समय पर हो पाएगा । नाव दुर्घटना में मारे गए सभी 14 लोग जामताड़ा जिला के रहने वाले थे जो श्यामपुर , वीरग्राम , मेंझिया , पंजनिया , देवडीह और पश्चिम बंगाल के कालीपाथर गांव के रहने वाले थे । उनलोगों के आश्रितों का रो रो कर बुरा हाल है । जामताड़ा जिला के बड़ा कर नदी घाट के किनारे बसने वाले दर्जनों गांव के किसान मजदूर सब्जी विक्रेता राजमिस्त्री छात्र एवं छात्राएं मरीज कपड़ा फेरीवाला सगे संबंधी एवं अन्य कार्यों के लिए वीरग्राम बारबेन्दिया नदी घाट पार होकर निरसा , केलियासोल , आसनसोल, मुगमा , कंचनडीह , गोविंदपुर , चिरकुंडा , कुल्टी , दुर्गापुर इत्यादि जगह रोजी रोजगार एवं अन्य कामों के लिए नाव के सहारे रोजाना हजारों लोग आर पार होते थे ।

लोगों की मजबूरी यह है कि नदी घाट के किनारे बसने वाले दर्जनों गांव बिरग्राम , श्यामपुर , बेलडीह , सूरजूडीह , मेझिया , दुलाडीह , चालना , गोखलाड़ीह , सहजपुर , सहरजोरी , निताईडीह , धोबना , चैंगायडीह इत्यादि गांव के लोग न्यूनतम दूरी का रास्ता इस्तेमाल सदियों से करते हैं ।
नदी घाट बसने वाले स्थानीय ग्रामीण श्यामपुर निवासी फुरकान अंसारी , आवेदिन अंसारी , जाकिर अंसारी , दीपेन मंडल इत्यादि ने कहा कि हमारे गांव के सबसे वृद्ध मौजूद व्यक्तियों द्वारा बताया जाता है कि मैथन डैम बनाने और जमीन विस्थापित होने से पहले समतल जमीन पर नदी बहा करती थी । उस समय बाढ़ का खतरा भी नहीं था और लोग आसानी से नदी के इस पार से उस पार आना-जाना कर लेते थे । मगर समय बीत जाने के बाद अब लोगों को निरसा , गोविंदपुर आसनसोल इत्यादि जगह को चितरंजन मैथन होकर घूम कर जाना पड़े तो 50 किलोमीटर की अधिक एक्स्ट्रा दूरी तय करनी पड़ती है ।
वर्ष 2007 में गणेश राम डोकानिया संवेदक द्वारा 58 खंभा वाला पुल का निर्माण कार्य बरबेन्दिया नदी घाट पर शुरू हुआ था । कार्य प्रगति के दौरान पांच खंभा पानी के तेज बहाव में गिर गया था । तब से नदी घाट का पुल अधूरा है । हालांकि भौतिक निरीक्षण करने पर देखा जा सकता है कि यह अधूरा पुल आधा से अधिक नदी के दोनों किनारों से बनकर तैयार है । मगर पानी की जहां धारा गर्मियों में बहा करती है वहां का पांच पिलर टूट कर विलीन हो गया है । झारखंड सरकार पुल निर्माण कार्य जांच के बहाने करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है लेकिन नतीजा अभी तक शून्य
है ।
24 फरवरी 2022 को नाव दुर्घटना होने के बाद परिवारों को सांत्वना देने के लिए जामताड़ा जिला के 20 सूत्री प्रभारी मंत्री सह झारखंड राज्य के परिवहन मंत्री श्री चंपई सोरेन और स्थानीय जनप्रतिनिधि डॉक्टर इरफान अंसारी ने मृत परिवार के आश्रितों को जिला प्रशासन जामताड़ा के मौजूदगी में आपदा प्रबंधन द्वारा देय मुआवजा राशि चार लाख का चेक दिए हैं । क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द पुल निर्माण कार्य शुरू कराया जाए ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृति ना हो ।
बारबेन्दिया पुल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार महतो ने बताया कि लगभग 15 साल तक अधूरा पुल रह जाना झारखंड की खराब किस्मत कही जा सकती
है । उन्होंने कहा कि पुल निर्माण अगर रहता तो इतने लोगों की जान शायद नहीं जाती ।
पिछले दो साल पहले 15 अगस्त 2020 को झारखंड सरकार के कृषि मंत्री श्री बादल पत्रलेख एवं जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी ने नदी घाट के पास एक किसान कार्यक्रम के मौके पर लोगों से वादा किया था कि 2021 में ही पुल का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा लेकिन यह सब बातें हाथी के दांत साबित हो रहे हैं । झारखंड की जनता से अगर मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन की दया और प्यार हो तो जल्द से जल्द पुल निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाए ।
बारबेन्दिया बिरग्राम बराकर नदी घाट का पुल जामताड़ा और धनबाद को ही सिर्फ नहीं जोड़ेगा बल्कि संथाल परगना के देवघर , दुमका , साहिबगंज , गोड्डा , पाकुड़ के साथ-साथ बिहार और पश्चिम बंगाल के कई जिले सीधे नेशनल हाईवे जीटी रोड से जुड़ेंगे। हजारों लाखों लोगों का रोजगार सृजन होगा.आवाजाही में सुविधा होगी.
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