विभागीय अधिकारी और ठिकेदार कर रहे हैं आराम
BHARATTV.NEWS,JAMATARA: अजय नदी पर सिकटीया ( देवघर ) गांव में बांध बनाया गया है। सिकटिया डैम से ही अजय नहर निकाला गया है जो जामताड़ा जिला में फतेहपुर, नाला,कुंडहित प्रखंडों के विभिन्न गांवों से होकर गुजरती है और पूरे नाला विधानसभा क्षेत्र से होती हुई बंगाल सीमा पर पहुंच जाती है। इस नहर निर्माण में हजारों एकड़ जमीन समाहित हो चुका है। इससे किसानों को आर्थिक क्षति भी पहुंची। फिर भी किसान यह सोच कर संतोष थे कि उन्हें इस नहर से सालों भर सिंचाई के लिए प्रयाप्त पानी मिला करेंगे। जिससे वे विस्थापित किसान शेष बचे हुए जमीन पर तरह-तरह के फसल उपजा लिया करेंगे। लेकिन उन किसानों का सपना अभी भी पुरा नहीं हो सका है।

नहर निर्माण कार्य में काफी अनियमितताएं बरती गई थी। जिसके कारण सालोंभर पानी तो दूर रहे बल्कि धान, गेहूं, सरसों के सीजन में भी नहर में पानी नहीं मिलता है। इसका कारण है कि नहर में जैसे ही पानी छोड़ा जाता है वैसे ही नहर में कहीं न कहीं टूट फुट हो जाता है। जिसके कारण फिर नहर में पानी छोड़ना बंद कर दिया जाता है। इसलिए आजतक किसानों को नहर से सिंचाई सुविधा नहीं मिल पाया है। हांलांकि सिंचाई विभाग के अधिकारी हर साल करोड़ों रूपए का मरम्मती कार्य कराती रहती है। फिर भी नहर कहीं न कहीं टूट ही जाता है। फिर से टैंडर निकले जातें हैं। फिर से नहर में काम किया जाता है और बरसात में हर साल नहर टूटता जाता है। इससे विभाग के अधिकारी और ठिकेदार लाभान्वित होते रहते हैं। लेकिन विस्थापित किसानों को न तो पानी मिलता है और न ही कोई लाभ। नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ जमीन पर लगे फसल मिट्टी और पानी से बह जाता है। खेत भी खेती के लायक नहीं रहता है।

ज्ञात रहे विगत वर्ष 2021 के सितंबर अक्टूबर माह में आये बारिश से अजय नहर में लायजोरी दिग्घी गांव के पास नहर पानी का दबाव झेल नहीं पाई और नहर टूट गया था। जिससे सैकड़ों एकड़ जमीन पर लगे फसल बर्बाद हो गया था।
उसी नहर के मेढ़ से जा रहे एक मोटरसाइकिल सवार युवक अचानक नहर के कटे हुए मेढ़ से एकदम नीचे मोटरसाइकिल सहित जा गिरा था।उस आक्समिक दुर्घटना से युवक का जान तो बच गया मगर उनके दो पैर और एक हाथ टूट गया था।
आज उसी स्थान पर नहर मरम्मती कार्य चल रहा है। जिसका लागत राशि लगभग ढाई करोड़ रुपये के आसपास बताया जा रहा है। लेकिन कार्य बहुत धीमी गति से हो रहा है। इधर बरसात भी शुरू हो गया है। बरसात में नहर में पानी अगर नहीं भी छोड़े तब भी वर्षा ऋतु के वर्षा से काम में बाधा आयेगा। जिससे काम पूरा नहीं होगा।नहर का काम पूरा नहीं होने पर किसानों को नहर से सिंचाई का पानी नहीं मिल सकेगा।इस लिए किसानों में चिंता होने का कारण स्वाभाविक है।
इस संबंध में विभागीय अधिकारी कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार टुडू से संपर्क कर जानकारी चाहा तो उसनेे बताया कि यह ग्रूप टैंडर है। जिसमें नहर में तीन जगहों पर निर्माण का काम हो रहा है। जिसका लागत राशि उन्होंने बताया कि दो करोड़ बासठ लाख के आसपास है।

जब उनसे पूछा गया कि काम बहुत धीमी गति से हो रहा है, बरसात से पहले नहर काम पूरा हो जाएगा? इसका जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि नीचे की ढलाई का काम जोरों पर है और शीघ्र ही ढलाई पूरी हो जाएगी। उसके बाद उसके ऊपर बैंडिंग का काम किया जायेगा । विभागीय अधिकारी कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार टुडू ने बताया कि बैंडिंग होने के बाद छत ढलाई कर दिया जाएगा।ऊपरी भाग में ढलाई करने में बरसात में भी दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि बरसात से पूर्व कार्य को पूरा कर लिया जायेगा।इसको लेकर ठिकेदार को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट: धनेश्वर सिंह,contact@bharattv.news














