ओम प्रकाश शर्मा : जामताड़ा /चित्तरंजन : लोकोमोटिव कारखाना (चिरेका) में 11 सितंबर 2024 को महाप्रबंधक हितेंद्र मल्होत्रा की अध्यक्षता में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 157वीं बैठक आयोजित की गई। इस दौरान कवि दुष्यंत कुमार की जयंती मनाई गई और हिंदी में उत्कृष्ट कार्य के लिए पांच कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया। श्री मल्होत्रा ने भाषा को देश की पहचान बताते हुए राजभाषा हिंदी के व्यापक प्रयोग पर जोर दिया और कहा कि ई-ऑफिस के माध्यम से अब सरकारी कार्यालयों में हिंदी में आसानी से काम किया जा सकता है। उन्होंने सभी से राजभाषा की गरिमा बनाए रखने और इसके प्रयोग को बढ़ावा देने का आग्रह किया।इस बैठक में मुख्य राजभाषा अधिकारी सह प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री हामिद अख्तर सहित विभागों के प्रमुख अध्यक्ष, राजभाषा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित थे।इस मौके पर राजभाषा में प्रशंसनीय कार्य हेतु श्री रोहन कुमार सिंह,प्र.मु.यां.इं के तकनीकी सहायक एवं कनिष्ठ इंजीनियर/यांत्रिक विभाग,श्री सुमित कुमार,कनिष्ठ लेखा सहायक/ लेखा विभाग,श्री आशीष कुमार,वरिष्ठ अनुभाग अभियंता/ ड्राइंग एवं अभिकल्प/ विद्युत् विभाग, श्री रामा कान्त साह, कार्यालय अधीक्षक/तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र और श्री पार्थ भट्टाचार्य,मुख्य कार्यालय अधीक्षक/अभिकल्प एवं विकास केंद्र को महाप्रबंधक महोदय के कर कमलों द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। बैठक में निर्धारित मानक कार्य सूची पर विचार विमर्श किए गए। इस मौके पर राजभाषा पखवाड़ा के तहत अधिकारियों के मध्य राजभाषा सम्बंधित क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे श्री मल्होत्रा ने अपने अभिभाषण में कहा कि भाषा किसी भी देश की विशिष्ट पहचान होती है और देश की मौलिक सोच,राजकीय काम-काज और सृजनात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम होती है। कोई भी राष्ट्र अपनी भाषा में काम करके ही विकास को नए आयाम दे सकता है। इस कड़ी में राजभाषा हिंदी का व्यापक प्रयोग-प्रसार इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह आमजन की भाषा है और सरकार की कल्याणकारी योजनाएं तभी प्रभावी बन सकती हैं जब उनकी जानकारी आमजन की भाषा में उन तक पहुंचे।आज सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस के माध्यम से हिंदी में भी आसानी से काम किया जा सकता है।
उन्होंने आग्रह किया है कि, हम सबका यह नैतिक व संवैधानिक दायित्व है कि राजभाषा की गरिमा को बनाए रखते हुए, इसकी अनिवार्यता को आत्मसात करते हुए तद्नुसार अपना योगदान निरंतर जारी रखें।















