केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ आंदोलन शुरू

ओम प्रकाश शर्मा, चित्तरंजन। रेलवे मेन्स कांग्रेस/एनएफआईआर/इंटक के बैनर तले चित्तरंजन रेल नगरी में एकबार फिर आंदोलन दिखने लगा है। केंद्रीय श्रमिक संघों ने 3 जुलाई को केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति और भारत की अर्थव्यवस्था के स्तंभों को सरकारी एजेंसियों को बेचने की अपनी नीति के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी प्रोटेस्ट शुक्रवार को शुरू हो चुका है और आगे भी आंदोलन भविष्य में जारी रहने की खबर सामने आ रही है।

मामले में इंटक नेता इंद्रजीत सिंह ने बताया कि हमारी मांगों में निम्मलिखित मुद्दे शामिल है
१। अधिग्रहित श्रम कानून के 150 साल के इतिहास को नहीं बदला जाना चाहिए।
2। सरकारी एजेंसियों के परिसमापन या निजीकरण को तत्काल रोका जाना चाहिए।
3। डीए, डीआर क्लोजर आदेश को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और 1 जनवरी 2020 से डीए ,डीआर को बढ़ी हुई दर पर भुगतान किया जाना चाहिए।
4। उच्च तकनीक वाले लोको का उत्पादन चित्तरंजन रेलइंजन कारखाने में ही करना होगा।

5। बिना शर्त कर्मचारियों को निर्धारित समय पर वार्षिक इनक्रीमेंट देना होगा। उपरोक्त मांगों के समर्थन में आज 3 जुलाई को सुबह 10 बजे जीएम कार्यालय के सामने विरोध कार्यक्रम में भाग लेकर विरोध सभा को सफल बनाने का काम किया गया।
इस संबंध में इंटक नेता इंद्रजीत सिंह ने बताया कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी गयी तो हमारा आंदोलन उग्र होगा। किसी भी हाल में हमलोग श्रमिक विरोधी नीतियों को स्वीकार नहीं करेंगे।















