धनेश्वर सिंह (जामताड़ा, फतेहपुर): फतेहपुर प्रखण्ड अन्तर्गत चिताकुड़ी गांव वासियों को विगत 2015 वर्ष से बिजली नहीं मिल रही है। वैसे चिताकुड़ी सड़क टोला के लोगों ने क्ई बार इस समस्या को लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना देकर बिजली बहाल करने की मांग कर चुकी है।मगर आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
स्थानीय विधायक सह विधानसभा अध्यक्ष, उनको भी क्ई बार इस समस्या को अवगत कराये हैं फिर भी आज तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल पाया है।ग्रामीणों ने बताया कि सन् 2015 में इस गांव में ट्रांसफार्मर खराब हो गया और बिजली लाइन बाधित हो गया,तब से लेकर आज तक गांव में बिजली नहीं आई और न ट्रांसफार्मर लगाया गया है। लोगों ने बताया कि यह गांव जंगल झाड़ से घिरे हुए हैं। यहां कभी कभी हाथी भी आ धमकता है। अन्य जंगली जीव जंतु का आक्रमण तो होता रहता है। ऐसे में अंधकार एक भयावह पैदा कर देता है। बच्चों के स्कूल कालेज कोरोना काल में बन्द हो गया है। घर में रहकर पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं। रात में रोशनी के बिना पढ़ भी नहीं पा रहे हैं। डीलर किरासन तैल भी महीने में एक या आधा लीटर ही देते हैं। ढिबरी जलाकर बच्चों को पढ़ाई-लिखाई में परेशानी होती है। ग्रामीणों को दुःख है कि झारखण्ड में आदिवासी मुख्यमंत्री रहते हुए आदिवासियों की समस्यायों को दुर नहीं हो रहा है तो हमलोग किसपर विश्वास करें? ग्रामीणों की मांग है कि चिताकुड़ी गांव वासियों को बिजली विभाग शीघ्र ही इसका उपाय करे। सरकार भी इस समस्या को संज्ञान में ले और स्थानीय विधायक सह विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो विभाग के अधिकारियों को शीघ्र निर्देश देकर समस्या को हल करे। इस अवसर पर काफ़ी संख्या में चिताकुड़ी सड़क टोला और अन्य टोला के लोग भी उपस्थित थे।














