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कुर्बानी देने के बाद अब तो पुल बन जायेगा न! निरसा विधायक अर्पणा सेनगुप्ता ने दी विधानसभा द्वार पर धरना

BHARATTV.NEWS,फतेहपुर जामताड़ा : निरसा विधायक अर्पणा सेनगुप्ता ने दी विधानसभा द्वार पर धरना।जामताड़ा जिला और धनबाद जिला के बीच बराकर नदी पर गत दिनांक 24 फरवरी को हुई नाव दुर्घटना में लगभग 14 व्यक्तियों की लापता होने से दोनों जिला में आक्रोश व्यक्त किया था और सरकार तथा क्षेत्रीय विधायक की लापरवाही का आरोप लगाया था।आरोप इसलिए लगाया गया था कि यह पुल अगल बगल गांव वालों का लाइफ लाइन साबित होता मगर 2006 में 36 करोड़ लगभग लागत से बनने वाला यह पुल अधूरा ही रह गया।अधूरा रहने कारण यह है कि इस पुल के क्ई पीलर ढह गया था। इसके चलते काम करा रहे ठिकेदार डी कांट्रेक्टर यानी गणेश डोकानि पर काम की लापरवाही का मामला दर्ज किया गया और जांच बैठा दिया गया। फिर पता नहीं 21 वर्ष गुजर जाने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।न पुल बना और न ठिकेदार ने पुनः बनाने की कोशिश की।पुल अधूरा रह जाने के कारण अगल बगल ने नाव का सहारा लेना शुरू किया था।गत पन्द्रह वर्षों से लोगों को मजबूरी में बराकर नदी को आर-पार करने के लिए नाव का सहारा ही एक मात्र उपाय था।लेकिन यही नाव एक दिन एक बड़ी संख्या में लोगों को डूबा कर जल समाधि दिला देगा।आज लोगों का आक्रोश इस लिए नेताओं पर फूट पड़ा है क्योंकि इन नेताओं ने और झारखण्ड की सरकार ने इस पुल को महत्व ही नहीं दिया और जनताओं की परेशानी को कभी नहीं समझा था।इस विषय को लेकर धनबाद निरसा विधायक अर्पणा सेनगुप्ता ने आज विधानसभा सत्र शुरू होते ही विधानसभा द्वार पर तकती लेकर धरना प्रदर्शन पर बैठ गई।उसने सरकार से मांग की है कि बारबंदिया घाट और बीरगांव घाट के बीच बराकर नदी पर अभिलंब पुल का निर्माण किया जाय और इस नाव दुर्घटना में मरे लोगों के परिवार वालों को 10 – 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।इसी मांग को लेकर वे आज तकती लेकर विधानसभा द्वार पर धरना प्रदर्शन पर बैठ गयी थी।खबर है कि आज विधानसभा सत्र शुरू होते ही इस विभत्स दुर्घटना की चर्चा होने लगी। जिसका जबाव देते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आसन को शीघ्र पुल बनाने को आश्वस्त किया है।देर ही सही जान देकर कुर्बानी देने के बाद पुल बने तो भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सकता है।