जामताड़ा (फतेहपुर) : फतेहपुर प्रखण्ड अन्तर्गत विन्दापाथर थाना क्षेत्र के विन्दापाथर पंचायत में स्थित सिमलबाडी एक गांव है जहां पर लाखों रुपये से एक जल मीनार निर्माण हो रहा है। लेकिन गांव वालों को इसकी सही जानकारी नहीं है। गांव वासियों को यह पता भी नहीं है कि यह जल मीनार कार्य किस विभाग द्वारा बनाया जा रहा है? इसके निर्माण लागत क्या है? इसमें कार्यरत मजदूरों की दैनिक मजदूरी दर क्या है ? गांव के लाभुक ग्रामीण इन सब से बिल्कुल अनजान हैं। इसका एक कारण है कि निर्माण स्थल पर किसी तरह का कार्य बोर्ड नहीं लगाया गया है। गांव वाले तो अनजान हैं ही लेकिन उस रास्ते से गुजरते आम लोगों को भी इसका पता नहीं चल पा रहा है। जबकि सरकार के निर्देशानुसार कोई भी सरकारी विकास कार्य हो रहा हो तो वहां कार्यस्थल पर बोर्ड लगाकर जनता को बताया जाता है कि यह काम किस विभाग से निर्माण किया जा रहा है। इस कार्य में निर्माण लागत क्या है। इसमें कार्यरत मजदूरों की मजदूरी दर क्या है? इसके ठीकेदार कौन है? इस कार्य को निगरानी करने वाले इंजीनियर कौन है? इसके निर्माण अवधि क्या है?इन सारी बिन्दुओं को बोर्ड पर लिखा जाना चाहिए ताकि आम जनता को पता चल सके कि सरकार उनके सुविधा के लिए क्या कर रही है। लेकिन ये सब बातें यहां है नहीं। इस लिए गांव के लाभुक सहित आम आदमी भी इससे अनजान हैं।
इस जल मीनार निर्माण में कार्यरत मिस्त्री मजदूर भी ठीकेदार का नाम नहीं बता पाए। वहां पर कार्य करा रहे मुंशी ने भी विभाग का नाम नहीं बता पाए। उसे भी पता नहीं है कि इसके निर्माण लागत क्या है? उससे जब पूछा गया कि निर्माण स्थल पर बोर्ड क्यों नहीं लगाया गया है? तो उसने कहा कि काम फाइनल होने पर बोर्ड लगा दिया जाएगा। इसी लिए तो गांव के व्यक्ति ने कहा कि क्या बताऊं-“यहां अंधेर नगरी चौपट राजा,टका सेर भाजी टके सेर खाजा।काम हो रहा है और ठीकेदार लूट रहा है मजा।।
जब ग्रामीणों से पूछा गया कि यहां के जनप्रतिनिधि जैसे मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य में से किसी ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिये?उनका नाम शीला पट पर अंकित होना चाहिए वह भी कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। तो वे चुप हो गया।
इस अवसर पर ग्रामीण शुकदेव हांसदा, काली मिर्धा,प्रदीप यादव,अमर यादव, राजेंद्र यादव, नित्यानंद यादव सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे। लोगों ने अब समझा है कि बोर्ड लगाना कितना आवश्यक है।














